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बिहार के जूनियर डॉक्‍टर्स हड़ताल पर, अस्पतालों में स्‍वास्‍थ्‍य सेवा बाधित

बिहार के जूनियर डॉक्‍टर्स हड़ताल पर चले गए हैं. राज्‍य भर के जूनियर डॉक्‍टरों के हड़ताल पर जाने से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं चरमरा गई हैं.  हालांकि, आपातकालीन सेवाएं बहाल हैं.

पीएमसीएच
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Published : Aug 22, 2022, 12:19 PM IST

Updated : Aug 22, 2022, 2:27 PM IST

पटनाः बिहार की राजधानी पटना से इस वक्‍त बड़ी खबर सामने आ रही है, जहांस्‍टाइपेंड बढ़ाने की मांग (Demand To Increase Stipend Of Junior Doctors In Bihar) को लेकर बिहार के जूनियर डॉक्‍टर्स हड़तालपर (Junior Doctors Strike In Bihar) चले गए हैं. जिससे कई अस्‍पतालों की OPD सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है. डॉक्‍टरों की हड़ताल का खामियाजा हजारों मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. राज्‍य भर के जूनियर डॉक्‍टरों के हड़ताल पर जाने से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं चरमरा गई हैं. हालांकि, इस दौरान आपातकालीन सेवाएं बहाल रहेंगी, ताकि इमर्जेंसी में आए मरीजों का इलाज हो सके.

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पटना में जूनियर डॉक्‍टर्स की हड़तालःदरअसल बिहार भर के जूनियर डॉक्‍टर्स कई महीनों से अपनी स्‍टाइपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे है. इसके बावजूद उनकी मांगों पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जिससे नाराज जूनियर डॉक्‍टर्स ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी और आज सोमवार से कामकाज न करने का फैसला करते हुए पीएमसीएच समेत प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्‍टर्स हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे अस्‍पतालों में ओपीडी सेवाएं बाधित हो गई हैं. बता दें कि सूबे के बड़े और छोटे सरकारी अस्‍पतालों में बड़ी तादाद में मरीज रोजाना इलाज कराने के लिए आते हैं. जूनियर डॉक्‍टर्स का इसमें बड़ा योगदान रहता है, ऐसे में राज्‍य भर के जूनियर डॉक्‍टरों के हड़ताल पर जाने से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं चरमरा गई हैं.

दरभंगा में जूनियर डॉक्‍टर्स की हड़तालःउधर दरभंगा में भी इस मांग को लेकर दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी में ताला लगाकर कार्य बहिष्कार कर दिया है. इससे ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों का कहना है की हम लोगों को 15 हजार के करीब प्रति माह के हिसाब से दिया जा रहा है. जो रोजाना का 500 रुपया होता है. यह एक राजमिस्त्री की मजदूरी से भी कम है. जूनियर डॉक्टर्स की मांग है कि स्‍टाइपेंड बढ़ा कर 35 हजार रुपया किया जाए.

दरभंगा में जूनियर डॉक्‍टर्स की हड़ताल

"सरकार द्वारा पिछले 4 वर्षों से स्टाइपेंड का पुनरीक्षण नहीं किया गया है. वर्ष 2017 में सरकार द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि हर 3 वर्ष में इसका पुनरीक्षण होगा. लेकिन सरकार अपने संकल्पों से लगातार पीछे भाग रही है. हमलोग अपनी मांगों को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा हम लोगों को आज तक कुछ नहीं मिला. फिलहाल हमलोगों को 14 हजार 700 सौ रुपया मिल रहा है. हमलोगों की मांग है कि उसे बढ़ा कर 35 हजार रुपया किया जाए. जब तक हम लोगों की मांगों पर सुनवाई नहीं होती है, तब तक हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा"-सात्विक कुमार, जूनियर डॉक्‍टर, दरभंगा

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Last Updated : Aug 22, 2022, 2:27 PM IST

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