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Bindeshwar Pathak : पटना में 'सुलभ शौचालय' बनाकर विश्व में बनाई पहचान, जानें कौन थे बिन्देश्वर पाठक ? - सुलभ शौचालय

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया. उन्होंने पटना के गांधी मैदान से शुरू किए सफर को विश्व के कैनवास पर चमकाया. आज सुलभ इंटरनेशनल एक पहचान बन चुकी है. लेकिन इसको एक रूप देने वाला आज दुनिया में नहीं है. पढ़ें पटना से पद्म भूषण तक का उनका सामाजिक सफरनामा.

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन

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Published : Aug 15, 2023, 5:04 PM IST

Updated : Aug 15, 2023, 9:07 PM IST

पटना: सुलभ इंटरनेशनल के मालिक बिंदेश्वर पाठक (80 वर्ष) का हार्ट अटैक से निधन हो गया, दिल्ली के आवास पर झंडोतोलन करने के बाद उनको दिल का दौरा पड़ा. तत्काल उन्हें दिल्ली एम्स ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनकी उपलब्धियों की वजह से आज उन्हें देश याद कर रहा है. बिंदेश्वर पाठक का जन्म 2 अप्रैल 1943 को बिहार के वैशाली जिले के रामपुर गांव में हुआ था.

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पटना के गांधी मैदान से विश्व के फलक पर 'सुलभ': बिंदेश्वर पाठक ने पहला सुलभ शौचालय पटना के गांधी मैदान के पास 1972 में बनाया था, उसके बाद इनके कांसेप्ट को पूरे देश में लागू किया गया. पूरे देश में कई हजार सुलभ शौचालय बनाए गए. बिंदेश्वर पाठक 80 वर्ष के थे. उन्हें यूएनओ में अनऑफिशियल सदस्य बनाया गया था. जो एनजीओ के तरफ से होता है. 1990 में उन्हें पद्म भूषण दिया गया था. बिन्देश्वर पाठक की सामाजिक विकास की यात्रा पटना से शुरू होकर इंटरनेशनल पहचान बना चुकी है.

सुलभ इंटरनेशनल से मिली पहचान : साल 1970 में बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की नींव रखी थी. उनकी पहचान बड़े भारतीय समाज सुधारकों में होने लगी थी. इनके इस कदम से मानव अधिकारों, स्वच्छता, बायो गैस ऊर्जा या गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ सामाजिक सुधारों के लिए लिए जाना जाने लगा. बिंदेश्वर पाठक की संस्था इसे बढ़ावा देने के लिए भी काम करती है.

पद्म भूषण थे बिन्देश्वर पाठक : बिंदेश्वर पाठक को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. 1990 में उन्हें देश का ये प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया था. 2003 में उनकी बढ़ती उपलब्धि की वजह से उन्हें 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में नाम लिखा गया था. ग्लोबल एनर्जी में भी उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए एनर्जी ग्लोब पुरस्कार दिया गया था. इसके अलावा इन्हें इंदिरा गांधी अवार्ड, स्टाकहोम वाटर पुरस्कार आदि अनेक पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.

Last Updated : Aug 15, 2023, 9:07 PM IST

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