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मांझी ने तेजस्वी की मांग पर फेरा पानी, वर्चुअल रैली कर बोले- समय पर हो विधानसभा चुनाव

जीतन राम मांझी की वर्चुअल माध्यम से ज्यादा से ज्यादा समर्थकों से जुड़ने की कोशिश में लगे हैं. इसके लिए सभी जिलों में कार्यकर्ता को सतर्क कर दिया है. कार्यकर्ता के जरिए मांझी वर्चुअल माध्यम से वोटरों तक पहुंच रहे हैं. खासकर, ग्रामीण इलाकों के लोगों से मांझी जुड़ रहे हैं. जबकि समय पर विधानसभा चुनाव का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं.

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पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी

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Published : Jul 31, 2020, 7:57 AM IST

Updated : Aug 19, 2020, 10:58 PM IST

पटनाः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एनडीए के रास्ते पर चलते हुए वर्चुअल रैली कर कार्यकर्ता और अपने वोटरों से संवाद करने में जुटे हैं. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कोरोना संक्रमण काल में विधानसभा चुनाव टालने की मांग को खारिज कर दिया है. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल अभी खत्म नहीं होने वाला है. इसलिए बिहार में समय पर विधानसभा चुनाव कराया जाए.

कार्यकर्ताओं से संवाद करते पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी

जीतन राम मांझी वर्चुअल माध्यम से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रहे हैं. गुरुवार को पूर्व सीएम ने वर्चुअल रैली कर कार्यकर्ताओं के जरिए वोटर तक पहुंचने की कोशिश की. जीतन राम मांझी वर्चुअल रैली के बहाने जनता तक अपनी चुनावी मुद्दे को भी पहुंचाया. वर्चुअल रैली के दौरान विभिन्न जिलों के कार्यकर्ता और समर्थक भी जीतन राम मांझी से जुड़े. रैली के बाद हम सुप्रीमो ने मीडिया को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि कोरोना त्रासदी बहुत लंबी है इस दौरान चुनाव नहीं रोका जाना चाहिए.

ईटीवी भारत संवाददाता कुंदन कुमार की रिपोर्ट

चुनाव कराने के खिलाफ तेजस्वी

बता दें कि मांझी का बयान महागठबंधन के दूसरे घटक दलों के बयान से बिल्कुल भिन्न है. नेता प्रतिपक्ष कोरोना संक्रमण काल में चुनाव कराने के विरोध में. जबकि मांझी के मुताबिक बिहार में चुनाव समय पर होना चाहिए. यही कारण है कि उनकी पार्टी दूसरे दलों की तरह ही वर्चुअल माध्यम से चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है. अपने समर्थकों, कार्यकर्ताओं तक चुनावी मुद्दा को पहुंचा रहे हैं.

वर्चुअल रैली में भाग लेते हम कार्यकर्ता

देश में लागू हो समान शिक्षा नीति

जीतन राम मांझी ने नई शिक्षा नीति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को गलत बतलाया है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में समान शिक्षा लागू किया जाना चाहिए. ताकि, मजदूर का बेटा से लेकर राष्ट्रपति का बेटा एक ही तरह के इंस्टीट्यूट में एक ही साथ पढ़ाई करे. अगर ऐसा कुछ होता है तो समझा जाएगा कि शिक्षा का समान अधिकार सबको मिल रहा है. पूर्व सीएम ने कहा कि समान शिक्षा के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी.

Last Updated : Aug 19, 2020, 10:58 PM IST

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