पटना : नई संसद भवन का राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने की मांग को लेकर कल यानी 28 मई को जेडीयू एक दिन का उपवास रखकर प्रदर्शन करेगी. बता दें कि 28 मई को ही सुबह 11 बजे से नई पार्लियामेंट भवन का उद्घाटन समारोह शुरू हो जाएगा. इधर बिहार में जेडीयू उसी समय बेली रोड स्थित अंबेडकर की मूर्ति के नीचे उपवास रखकर अपना विरोध जताएगी. इस दिन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे.
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जेडीयू का अनशन कल : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा 28 मई को नई संसद भवन का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा कराया जा रहा है. जबकि संसद का संरक्षक देश के महामहिम राष्ट्रपति होते हैं. सबसे अजीबोगरीब बात यह भी है कि देश के राष्ट्रपति से उद्घाटन तो दूर उन्हें समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित भी नहीं किया गया. क्योंकि, देश के राष्ट्रपति आदिवासी एवं महिला समाज से आती हैं. यह एक प्रकार का देश की आधी आबादी, आदिवासी महिला के साथ-साथ संसदीय परम्परा का अपमान है. जदयू इसका विरोध कर रही है और अनशन के माध्यम से अपना विरोध जताएगी.
'नरेन्द्र मोदी संविधान बदलने की कोशिश कर रहे हैं' : ऐसे तो विपक्ष के कई दलों ने नए संसद भवन उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध किया है. जदयू भी उसमें शामिल है, लेकिन जदयू अनशन करके अपना अलग से विरोध जता रही है. नीतीश कुमार ने भी बयान दिया है कि नरेंद्र मोदी संविधान बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
''नरेंद्र मोदी देश की नई संसद का 28 मई को उद्घाटन करेंगे. नियम के मुताबिक इसका उद्घाटन राष्ट्रपति से कराना चाहिए लेकिन ये संसदीय परंपराओं का अपमान है. जेडीयू इसका विरोध अनशन के माध्यम से विरोध जताएगी''-उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू