पटना:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों नए संसद भवन के उद्घाटन की मांग करते हुए कई विपक्षी दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध किया है. इसी सिलसिले में आज बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने एक दिवसीय उपवास का ऐलान कियाहै. तमाम नेता पटना में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के नीचे बैठकर अनशन करेंगे.
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नए संसद भवन के विरोध में जेडीयू का उपवास: जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की नई संसद का उद्घाटन करेंगे. नियम के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसका लोकार्पण करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है, जो कि संसदीय परंपराओं का अपमान है. जनता दल यूनाइटेड इसके विरोध में रविवार को उपवास रखकर अपना विरोध दर्ज कराएगा. हमारे नेता-कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी बेली रोड स्थित अंबेडकर की मूर्ति के नीचे उपवास रखेंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी इस दौरान वहां मौजूद रहेंगे.
नीतीश ने क्या कहा था?:इसके पहले शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, मुझे लगता है कि अभी नए संसद भवन की जरूरत ही क्या थी. अगर जगह कम पड़ रही थी, उसी को एक्सटेंड कर देना चाहिए. मुझे तो लगता है कि भाजपा द्वारा देश के इतिहास को बदलने की कोशिश हो रही है, जोकि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुःखद है.
किन दलों ने किया समारोह का बायकॉट?:जेडीयू के अलावे कांग्रेस, आरजेडी, टीएमसी, एनसीपी, डीएमके, एमडीएमके आप, शिवसेना (उद्धव गुट), सपा, सीपीआई, सीपीएम, जेएमएम, आरएलडी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची समेत 21 दलों ने लोकार्पण समारोह से दूरी बनाई है.