पटनाःमणिपुर में जदयू के 5 विधायकों के बीजेपी में शामिल (JDU MLAs Join BJP In Manipur) होने के बाद बिहार जदयू के प्रवक्ताओं ने बीजेपी पर हमला बोलना शुरू कर दिया है.जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार(JDU Leader Neeraj kumar) ने कहा कि फर्जी नैतिकता के कुलाधिपति बनने का बीजेपी दावा करती है, लेकिन इसके मूल्य चरित्र में कैसा बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि अब अटल आडवाणी वाली बीजेपी नहीं है, अब वैचारिक रूप से समाज में वैमनस्य फैलाने और सहयोगियों के साथ विश्वासघात करने का बदलाव बीजेपी में आया है. बिहार ने तो इसको लेकर नजीर पेश कर दी है.
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"पहले अरुणाचल प्रदेश में हमारी पार्टी के विधायकों को शामिल करा लिया गया और यही आचरण अब मणिपुर में पेश किया गया है. भारतीय जनता पार्टी के चरित्र में जो बदलाव आया है कि दूसरे राजनीतिक दल को पनपने नहीं देंगे, तो वो जान लें कि हिंदुस्तान लोकतंत्र की धरती है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर की धरती है, कितना भी प्रयत्न कर लें मोदी जी, अमित शाह जी देश की जनता इस तरह के कार्य को चिन्हित करती है. जदयू 2024 में आपको निपटा देगी"- नीरज कुमार, प्रवक्ता, जदयू
'क्षेत्रीय दलों को समाप्त करना चाहती है बीजेपी': वहीं, जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने भी बीजेपी पर निशाना साधा. अरविंद निषाद ने कहा कि 1 सप्ताह में पहले अरुणाचल और फिर अब मणिपुर के जदयू विधायकों को बीजेपी ने तोड़ कर अपने पार्टी में मिला लिया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना में जो बयान दिया था कि क्षेत्रीय दलों को समाप्त करेंगे वह दिख रहा है. लेकिन क्षेत्रीय दल आज भी अपने अस्तित्व में है और नीतीश कुमार ने जो फैसला लिया है विपक्षी दलों को एकजुट करने का उससे घबराकर नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह ने अहंकार में और धनबल का प्रयोग कर जदयू को तोड़ने का काम किया है, लेकिन 2024 में नीतीश कुमार ने इन्हें सबक सिखाने का जो फैसला लिया है उस पर अडिग रहेंगे.
पार्टी के पांच विधायक बीजेपी में शामिलःआपको बता दें कि मणिपुर में जेडीयू को बड़ा झटका लग गया है. पार्टी के 6 में से पांच विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में भी जेडीयू के इकलौते विधायक ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. ऐसे में कुछ दिनों के अंदर में नीतीश कुमार को दो बार सियासी झटका दे दिया गया है, जिससे जेडीयू में बीजेपी को लेकर काफी नाराजगी है. जदयू ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह ने जीत दर्ज की थी. भाजपा में शामिल होने वाले जदयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक ए एम खाउटे और थांगजाम अरुण कुमार शामिल हैं.
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पूर्वोतर में कमजोर होती जेडीयू की पकड़ः दरअसल नीतीश कुमार ने पिछले महीने ही बिहार में एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है. इसके बाद बीजेपी और जदयू नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी हो रही है और इन सब के बीच जदयू को मणिपुर में यह झटका लगा है. अब मणिपुर में जदयू के एकमात्र विधायक बच गए हैं. जदयू को यह झटका उस समय लगा है, जब पटना में आज शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है. जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का सपना भी टूट सकता है. फिलहाल अरुणाचल और मणिपुर दोनों जगह पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा जरूर मिला हुआ है. लेकिन मणिपुर में हुए टूट ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, एक तरफ जेडीयू राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की योजना बना रही है तो दूसरी तरफ पार्टी लगातार दूसरे राज्यों में टूट रही है. जेडीयू के लिए ये ना सिर्फ एक झटका है, बल्कि पूर्वोतर में कमजोर होती पकड़ का एक संकेत है.