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PM Narendra Modi पर जेडीयू का निशाना- 'चीन ने बनाया नालंदा विवि लेकिन बिहार में 13 साल में नहीं बना..'

नालंदा विश्वविद्यालय पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. जेडीयू ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए बीजेपी से कई सवाल पूछे हैं. जेडीयू ने G20 के मंच से ऐतिहासिक धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर को दिखाने पर आपत्ति उठाई है. पढ़ें पूरी खबर-

Historical Heritage Nalanda University
Historical Heritage Nalanda University

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 12, 2023, 8:43 PM IST

जेडीयू का पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना

पटना: बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय पर सियासत शुरू हो गया है. जदयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय G 20 के मंच पर मजाक का विषय बनाने का आरोप लगाया.

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'नालंदा विश्वविद्यालय का बना मजाक' : जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने प्राचीन धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय का खंडहर विश्व के नेताओं को दिखाया तो लगे हाथ उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से बनाए गए नए नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस को भी दिखाना चाहिए था. नीरज ने कहा कि चिन्ह ने आप नालंदा विश्वविद्यालय बना लिया लेकिन बिहार का नालंदा विश्वविद्यालय 13 सालों में भी नहीं बना, इसका जवाब भाजपा नेताओं को देना चाहिए.

'नीतीश की शख्सियत से बीजेपी को डर': जदयू प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री को विश्व नेताओं को यह भी बताना चाहिए था कि हमने एक बार फिर से नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कर ली है, तो ये ज्यादा न्यायसंगत होता. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय के कैंपस की तस्वीर विश्व के नेताओं को इसलिए नहीं दिखाई कारण कि, उन्हें नीतीश कुमार की शख्सियत से डर लगता है. पार्टी नेताओं ने कहा कि चूंकि नालंदा विश्वविद्यालय की परिकल्पना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की थी, इसलिए बिहार सरकार के कामों को स्वीकार करना प्रधानमंत्री को मंजूर नहीं.

'बीजेपी की मंशा बिहार को अपमानित करने वाली': नीरज ने कहा कि दरअसल बीजेपी की मंशा हमेशा से बिहार को नीचा दिखाने और अपमानित करने की रही है. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक विरासत बिहार के पास है, लेकिन चीन उसे हथियाने की कोशिश कर रहा है. भारत सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. उन्होंने कहा कि जिस नालंदा विश्वविद्याल के पुनरुद्धार के लिए 18 देशों के नेताओं ने हरी झंडी दी थी, आज उन देशों ने केंद्र सरकार के नालंदा विश्वविद्यालय के कामों में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते अपने हाथ खींच लिए.

नीरज ने पूछे बीजेपी से सवाल: इस दौरान नीरज ने बीजेपी से कुछ अहम सवाल भी पूछे- ''बीजेपी यह बताए कि ऐतिहासिक धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय को राजनीति में घसीटने की कोशिश क्यों की गई. आखिर क्या कारण है कि 13 सालों से नालंदा विश्वविद्यालय का चल रहा निर्माण कार्य अबतक पूरा नहीं हो पाया? आखिर क्या कारण रहा कि जिस नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार को लेकर चीन की सरकार मदद दे रही थी. उसने मदद देना बंद कर दिया और खुद का नालंदा विश्वविद्यालय बना लिया? अगर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नालंदा विश्वविद्यालय को लेकर इतने गंभीर हैं तो फिर चीन ने अपने देश में नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण कैसे कर लिया?

अमर्त्य सेन पर आरोप निराधार : क्या यह सही नहीं है कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए केंद्र सरकार ने तत्कालीन कुलपति अमर्त्य सेन पर निराधार आरोप लगाए. उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया? क्या ये सही नहीं है कि जिन विषयों की पढ़ाई नालंदा विश्वविद्यालय में होनी चाहिए थी, केंद्र सरकार ने अपने अनुचित हस्तक्षेप से उसे बंद करा दिया और मनमाने तरीके से दूसरे कोर्स की पढ़ाई की इजाजत दी?

नालंदा विवि के कामकाज में केंद्र का हस्तक्षेप क्यों? : क्या ये सही नहीं है कि केंद्र सरकार की राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते इस विश्वविद्यालय के उद्धार में लगे देशों ने दान देना बंद कर दिया? जिन आरोपों के आधार पर नालंदा विश्वविद्यालय के दूसरे कुलपति सिंगापुर के जॉर्ज यो ने अपना पद छोड़ा क्या वो सही नहीं है? क्या यह सही नहीं है कि केंद्र सरकार नालंदा विश्वविद्यालय के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है?

पाठ्यक्रमों में बदलाव क्यों ? : क्या ये सही नहीं है कि केंद्र के अनुचित हस्तक्षेप के चलते विश्वविद्यालय के कई प्रोफेसरों ने अपनी नौकरी छोड़ दी? क्या ये सही नहीं है राम माधव के ट्वीट के बाद नालंद विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाने वाले एक पाठ्यक्रम को बंद कर दिया और इस विषय को पढ़ाने वाले प्रोफेसर को नौकरी छोड़नी पड़ी? आखिर क्या कारण है कि केंद्र सरकार ने नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों में बदलाव कर दिया?

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