पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाधान यात्रा (Nitish Kumar Samadhan Yatra)निकाली है. यह यात्रा सुर्खियां बटोरने के साथ कई विवादों से भी घिर गया है. इस यात्रा पर न सिर्फ विपक्ष, बल्कि महागठबंधन के घटक दल भी सवाल खड़े कर रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि आखिर सीएम नीतीश कुमार को समाधान यात्रा निकालने की जरूरत क्यों पड़ गई. सामाधान यात्रा निकालने के पीछे की कहानी (Inside Story Behind Nitish Kumar Samadhan Yatra) आखिर क्या है? इससे पहले भी इन्होंने किन-किन परिस्थितियों में यात्रा निकाली है और उसका मकसद क्या रहा है.
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चौतरफा घिरे हुए हैं सीएमः नीतीश कुमार राजनीति में बाउंस बैक के लिए जाने जाते हैं. राजनीति के चक्रव्यू से निकलने की कला में नीतीश कुमार को महारत हासिल है. विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में नीतीश कुमार चौतरफा घिरे हैं और चुनौतियों का सामना करने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने यात्रा का सहारा लिया है. नीतीश इस बार समाधान यात्रा के जरिए जनता की नब्ज टटोलने निकले हैं.
कई सारी चुनौतियों से जूझ रहे हैं नीतीशःसवाल यह उठ रहा है कि नीतीश कुमार यात्रा पर निकलने के लिए अभी का समय क्यों चुना? दरअसल, नीतीश कुमार को राजनीतिक जमीन खिसकने का भय सता रहा है. दो उपचुनाव में हार के बाद नीतीश कुमार का आत्मविश्वास डगमगा गया है. वहीं जहरीली शराब से सैकड़ों मौत के बाद शराबबंदी को लेकर भी नीतीश कुमार परेशान हैं. इधर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के लिए भी आरजेडी खेमे से लगातार बयानबाजी हो रही है. पीएम पद के लिए भी प्रोजेक्ट नहीं किए जाने पर नीतीश कुमार के मन में जहां निराशा है. वहीं विपक्ष को एकजुट करने में अपेक्षित कामयाबी नहीं मिलने से नीतीश कुमार ने जनता के बीच जाना मुनासिब समझा.
महागठबंधन के घटक दल भी खड़ा कर रहे सवालःनीतीश कुमार के यात्रा पर इस बार विवादों का साया भी है. सहयोगी दलों का साथ भी नीतीश कुमार को नहीं मिल रहा है. आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार को फिलहाल यात्रा स्थगित करनी चाहिए. शिवानंद तिवारी ने ठंड का हवाला दिया है. इधर जीतन राम मांझी भी नीतीश कुमार की यात्रा पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जीतन राम मांझी ने कहा है कि राजा को अचानक यात्रा पर निकलना चाहिए, ताकि हकीकत का पता चल पाए. सहयोगी दलों के हमलों के बाद बीजेपी को भी मौका मिल गया. बीजेपी ने भी यात्रा को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
जनाधार हासिल करने की कोशिशःवरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि नीतीश कुमार इन दिनों चौतरफा संकट में है और संकट से निपटने के लिए उन्होंने यात्रा पर निकलना मुनासिब समझा है. नीतीश कुमार को कई मोर्चों पर कामयाबी मिली है. 2024 चुनाव से पहले नीतीश कुमार जनता के बीच जाकर खोया हुआ जनाधार हासिल करना चाहते हैं. हालांकि इस बार नीतीश कुमार की यात्रा को लेकर सहयोगी दल भी उत्साहित नहीं हैं. नीतीश कुमार की कोशिश है कि यात्रा के जरिए अपने ऊपर से दबाव को शिफ्ट किया जाए. शिवानंद तिवारी जगदानंद सिंह और सुधाकर सिंह ने बयान से स्पष्ट भी कर दिया है.
"नीतीश कुमार इन दिनों चौतरफा संकट में है और संकट से निपटने के लिए उन्होंने यात्रा पर निकलना मुनासिब समझा है. 024 चुनाव से पहले नीतीश कुमार जनता के बीच जाकर खोया हुआ जनाधार हासिल करना चाहते हैं. हालांकि इस बार नीतीश कुमार की यात्रा को लेकर सहयोगी दल भी उत्साहित नहीं हैं. नीतीश कुमार की कोशिश है कि यात्रा के जरिए अपने ऊपर से दबाव को शिफ्ट किया जाए" -कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विशेषज्ञ