नयी दिल्ली/पटना:उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन “बिहार में कृषि आधारित उद्योग की संभावनाएं” विषय पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योगों की बहार आने वाली है.
केंद्र और राज्य सरकार के बेहतरीन तालमेल से बिहार में उद्यमियों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है. वहीं, इथेनॉल, फूड प्रोसेसिंग समेत कई क्षेत्रों में उद्यमियों की दिलचस्पी में जबरदस्त इजाफा हुआ है.
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टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी लाने की तैयारी
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनका विभाग इथेनॉल और ऑक्सीजन उत्पादन पॉलिसी के बाद बहुत जल्द टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी लाने की भी तैयारी में है.
उन्होंने कहा किशनगंज का पांजीपाड़ा चमड़ा उद्योग का गढ़ है. यहां से बेहतरीन चमड़ा विदेशों तक जाता है. उसी के पास लेदर प्रोसेसिंग यूनिट्स का हब बनाने की कार्य योजना पर तेजी से काम चल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में बिहार के लिए दर्द है और उन्होंने बिहार के लिए खजाना खोल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद है कि बिहार में उद्योगों का विकास हर हाल में हो.
औद्योगिक विकास के लिए डबल इंजन की सरकार है तत्पर
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और ये बिहार के औद्योगिक विकास के लिए पूरी तरह तत्पर है. उन्होंने कहा कि अब तक कई बड़ी कंपनियां बिहार आने के लिए प्रस्ताव दे चुकी हैं. अभी भी कई कंपनियों के प्रस्ताव आ रहे हैं.
बिहार के मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में 400 करोड़ के मेगा फूड पार्क के बाद अब 5 मिनी फूड पार्क भी बिहार को मिलना तय हो गया है.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके आग्रह के बाद बिहार को कम से कम 5 मिनी फूड पार्क मिलना तय हो गया है. बिहार के विभिन्न कमिश्नरियों के लिए प्रस्तावित प्रत्येक मिनी फूड पार्क में कम से कम 5 औद्योगिक यूनिट्स खुलेंगी और इसके चयन के लिए स्थानीय कृषि उत्पादों को ध्यान में रखा जाएगा.
कृषि आधारित उद्योगों में अपार संभावनाएं
बिहार की 80 फीसदी आबादी कृषि उत्पादन से जुड़ी फल–सब्जी, मक्का, गन्ना जैसे कृषि उत्पादों में बिहार अग्रणी राज्य है. इस वजह से यहां कृषि आधारित उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि “SIPB (State Industrial Promotion Board) को बिहार में 6,199 करोड़ के जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.
उनमें से 4,616 करोड़ रुपए के यानि 74 फीसदी निवेश प्रस्ताव फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े हैं. फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के निवेश प्रस्तावों का भी ब्रेकअप देखें तो उसमें 3,071 करोड़ रुपये यानि 67 फीसदी निवेश प्रस्ताव इथेनॉल उत्पादन से जुड़े हैं.