पटना:राज्य में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर आज भारत बंद का आयोजन किया गया. इस बंद के समर्थन में भाकपा माले और खेमस के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते दिखे. इस बंद के समर्थन में प्रदेश के कई जिलों में भी बंद का आयोजन किया गया था.
मसौढ़ी में भी दिखा बंद का असर
मसौढ़ी जिले में भी केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर बुधवार को भारत बंद का असर दिखा. इस दौरान पूरा मसौढ़ी बाजार साम्प्रदायिक बंटवारा नहीं अधिकार चाहिए, रोजी-रोटी, सामाजिक सुरक्षा और संम्मान चाहिए के नारों से गूंजता रहा.
- बंद का आयोजन कर रहे ट्रेड यूनियन के मुख्य मांगे थी
- न्यूनतम मासिक मजदूरी 21 हजार रुपये और मजदूरों को 10 हजार का पेंशन सरकार को देना.
- बीमार और बंद उद्योग को सरकार अविलंब चालू करें.
- पथ परिवहन सुरक्षा विधयेक 2014 और मोटर वाहन अधिनियम 2019 सरकार जल्द से जल्द वापस ले.
- सरकारी कंपनियों का सरकार निजीकरण बंद करें. समान काम के लिए समान वेतन जल्द से जल्द लागू हो.
- इसके अलावे अन्य कई मांगो को लेकर भी बंद का आयोजन किया गया था.
हड़ताल से अस्त व्यस्त रहा बेगूसराय
बेगूसराय जिले में भी ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. माकपा समेत कई संगठनों के लोग सुबह से ही सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एनएच 31 को जाम कर प्रदर्शन किया.
बता दें कि जिले के आठ किसान संगठनों ने भी इस बंद का समर्थन किया था. इनकी मांग ज्यादातर किसानों से जुड़ी समस्या से संबंधित थी. उनका कहना था कि जबतक किसान विरोधी कानूनों और नीतियों को केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेती. इसी तरह हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
किशनगंज में भी दिखा व्यापक असर
किशनगंज जिले में भी बंद का काफी असर देखने को मिला. यहां पर बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ ने हड़ताल का आह्वान किया था. सुबह से ही बड़ी तादाद में रसोइयों ने शहर के शुबशपल्ली चौक से पश्चिमपाली होते हुए एनएच को जाम कर दिया. उनलोगो ने अपनी विभिन मांगो को लेकर सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
रसोइयों की मांग
रसोइयों को चतुर्थ कर्मचारी का दर्जा मिले