पटना:बिहार में कोरोनासंक्रमण तेजी से पैर फैला रहा है. प्रदेश संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में है. ऐसे में कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कोरोनासे राहत की बात कही है. उन्होंने कहा कि अगर कोविड वायरस के मौजूदा स्वरूप में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया तो एक हफ्ते के बाद ये लहर अपने सर्वोच्च शिखर पर पहुंच जाएगा और इस महीने के अंत तक सक्रिय केस काफी तेजी से कम हो जाएंगे.
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7 दिन ज्यादा प्रभावी रहेगा कोरोना
उन्होंने कहा कि अप्रैल में जब इसकी लहर चरम पर होगी, तब एक दिन में 80 से 90 हजार केस तक आ सकते हैं. प्रोफेसर ने अपने रिसर्च में बिहार में कोरोना के पीक टाइम और ग्राफ गिरने की तारीख का अनुमान लगाया है. उनका दावा है कि ये कोरोना वायरस 7 दिन तक ज्यादा प्रभावी रहेगा. उन्होंने अपने केस और वायरस का अध्ययन करते हुए डेट वाइज ग्राफ तैयार किया है.
''ग्राफ के अनुसार बिहार में 20 से 25 अप्रैल तक कोरोना वायरस पीक पर रहेगा, फिर धीरे-धीरे इसका ग्राफ गिरेगा. हालांकि, केस शून्य तो नहीं होंगे, लेकिन कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या काफी कम हो जाएगी. कोरोना की तीसरी वेव आने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. तीसरी वेब जब तक शुरू होगी, उस समय तक 70 फीसदी लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ चुकी होगी''- प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, आईआईटी कानपुर
गणितीय विश्लेषण के आधार पर दावा
प्रोफेसर अग्रवाल ने ये दावा गणितीय विश्लेषण के आधार पर किया है. उन्होंने बताया कि पिछले साल और इस साल में संक्रमण के फैलाव और प्रतिरोधक क्षमता का विश्लेषण जनसंख्या के आधार पर किया है. मार्च 2020 में तीन दिन में एक व्यक्ति संक्रमित मिल रहा था, तब संक्रमण का फैलाव धीमे था. जनवरी 2021 की बात करें तो चार दिन में एक संक्रमित मरीज मिला, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एक दूसरे से 3 लोग बिना डरे मिल रहे हैं.
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