पटना: सरकार के तरफ से दिए जा रहे राशन की अनियमितता और मनमानी के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलती आई हैं. वो चाहे कालाबाजारी का हो या डीलरों की मनमानी का. दरअसल राजधानी पटना से सटे मनेर प्रखंड के 19 पंचायतों में इन दिनों डीलरों की मनमानी काफी बढ़ गयी है. साथ ही कालाबाजारी से परेशान उपभोक्ता लगातार इसकी शिकायत प्रखंड मुख्यालय के तमाम पदाधिकारी से करते आए हैं. शिकायत के बाद मनेर प्रखंड के उप प्रमुख उपेंद्र प्रसाद ने मनेर स्थित सरकारी गोदामों का जायजा लिया. जहां पर गोदाम में काफी अनियमितता पाई गई.
जैसे-तैसे रखा मिला चावल
इस दौरान गोदाम के मैनेजर और प्रखंड आपूर्ति अधिकारी भी नदारद थे. यहां तक कि गोदाम में चावल भी जैसे-तैसे रखा हुआ था. जिसके कारण काफी चावल बर्बाद हो रहा था. आपको बता दें कि पिछले 2 महीने से प्रखंड के कई पंचायतों में राशन उठाव ना होने के कारण उपभोक्ता काफी परेशान हैं. लगातार इसकी शिकायत पदाधिकारियों से करते आ रहे हैं।
जांच को पहुंचे थे अनुमंडल पदाधिकारी
कुछ माह पूर्व भी अनुमंडल पदाधिकारी विनोद दुहन ने भी मनेर के कई पंचायतों में खुद जांच करने पहुंचे थे. उन्हें कालाबाजारी की शिकायत मिली थी. उन्होंने आश्वासन दिया था कि सभी पंचायतों में कालाबाजारी खत्म होगी. साथ ही उपभोक्ताओं को सही समय पर राशन भी दिया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक मनेर में उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिला है. अनुमंडल पदाधिकारी ने यह भी कहा था कि कोई भी डीलर अनियमितता एवं कालाबाजारी करता पाया गया तो उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रखंड उप प्रमुख ने लिया जायजा लापरवाही से बर्बाद हो रहा है चावल
कोरोना काल में भारत सरकार और राज्य सरकार की तरफ से गरीब परिवारों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा था. इस दौरान काफी लोगों को राशन भी मिला. लेकिन कई लोग अभी भी इस राशन से वंचित हैं. डीलरों की मनमानी कहें या स्थानीय पदाधिकारी की लापरवाही, जिसके कारण अब गोदाम में चावल बर्बाद हो रहा है. मनेर के स्थानीय लोग सवाल कर रहे हैं कि इसका जिम्मेवार आखिर कौन है.
उच्च अधिकारी से होगी शिकायतः उप प्रमुख
उप प्रमुख उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि जनता की शिकायत पर मनेर के सरकारी गोदाम का जायजा लिया. वहां ना ही गोदाम के मैनेजर मिले. ना ही प्रखंड के प्रखंड आपूर्ति अधिकारी मिले. उनकी गैरमौजूदगी में गोदाम से बिचौलिये चावल की उठाव कर रहे हैं. गोदाम में काफी अनियमितता है. चावल जैसे-तैसे रखा गया है. इसकी शिकायत उच्च अधिकारी से की जाएगी.