पटना: बिहार की राजधानी पटना में तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा (Takhat Sri Harimandir Ji Gurdwara) से सिख श्रद्धालुओं ने सिक्खी परम्परानुसार तख्त साहिब से होला मोहल्ला निकाला गया. जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए. तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा में होली पर्व के मौके पर प्रबंधक कमिटी की ओर से होला मोहल्ला का आयोजन सिख श्रद्धालुओं ने किया.
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होला मोहल्ला का आयोजन:गौरतलब है कि धर्म की रक्षा की खातिर सभी सिखों ने शस्त्र उठाए. सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरुगोविंद सिंह जी महाराज ने 1701 में आनन्दपुर साहिब में आह्वान किया था और कहा कि धर्म की रक्षा बिना हथियार उठाये सम्भव नहीं है. उस समय से लेकर आज तक देश के सभी गुरुद्वारों में गुरु महाराज का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिये होला मोहल्ला का आयोजन किया जाता है, ताकि गुरु महाराज का संदेश जन-जन तक जाये और धर्म के प्रति लोग समर्पित रहें.
देश विदेश से आये श्रद्धालु हुए शामिल:यही कारण है कि गुरु महाराज की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में भी सिख परम्परानुसार पंच प्यारे की अगुआई में होला मोहल्ला का आयोजन किया गया, जहां देश विदेश से आये श्रद्धालुओं ने भाग लिया. होला शब्द की उत्पत्ति हल्ला शब्द से हुई है, जिसका मतलब आक्रमण करना होता है. वहीं, मोहल्ला शब्द का अर्थ संगठित व एकत्रित होना है.
सिखों ने किया शौर्य व वीरता का प्रदर्शन:बता दें कि सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने सिखों को होली की जगह होला मोहल्ला मनाने का निर्देश दिया था. दशमेश गुरु होला-मोहल्ला के माध्यम से समाज के दुर्बल और शोषित वर्ग की प्रगति चाहते रहे. यही वजह है कि सिखों के दसवें गुरु की जन्मस्थली पटना साहिब में धूमधाम से होला-मोहल्ला हर वर्ष मनाया जाता है. सिखों के दूसरे तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब में होली के मौके पर शौर्य व वीरता का प्रदर्शन करते हुए उत्साह के साथ होला-मोहल्ला पर्व मनाया जाता है.
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