पटना: राजधानी के फुलवारी शरीफ स्थित परिवहन परिसर में अत्याधुनिक ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर का निर्माण किया जाएगा. इसको लेकर परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अत्याधुनिक सेंटर में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का भी निर्माण भी किया जाएगा. जहां ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले आवेदकों के ड्राइविंग कुषलता की जांच की जाएगी. इस ट्रैक पर टेस्ट में पास होने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए योग्य माने जाएंगे. ट्रैक निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य नवंबर 2020 तक रखा गया है.
औरंगाबाद में बन चुका है ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक
परिवहन सचिव ने आगे बतया कि ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण आईडीटीआर औरंगाबाद में किया जा चुका है. इस महीने के अंत तक वहां ड्राइविंग टेस्टिंग शुरु हो जाएगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में ड्राइविंग कुशलता की जांच के लिए लाइसेंस जारी करने से पूर्व ड्राइविंग टेस्टिंग की प्रक्रिया मैनुअली है. ऐसा देखा गया है कि ड्राइविंग कुशलता के अभाव में जब कोई व्यक्ति सड़कों पर वाहन चलाते हैं, तो सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बनते हैं.
8 शेप आकार को होग ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक
बता दें कि ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का शेप 8 आकार का रहेगा. इसमें जगह-जगह कैमरे लगे होंगे. साथ ही ड्राइविंग टेस्टिंग के लिए उपयोग में लाये जाने वाले वाहन में भी मोबाइल कैमरा फीड रहेगा. सभी कैमरे और मशीनें कंप्यूटर से जुड़े होंगे. कैमरे पर लिए गए चित्र को कंप्यूटर पर देखते हुए ड्राइविंग पर नजर रखी जाएगी. टेस्ट के दौरान मशीनों का ज्यादा और व्यक्तियों का कम उपयोग होगा. टेस्ट का रिजल्ट भी तुरंत आ जाएगा. इस नई सुविधा से अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा और समय की भी बचत होगी.
टेस्ट में पास होने के बाद ही मिल सकेगा ड्राइविंग लाइसेंस
परिवहन सचिव की मानें तोड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर अभ्यर्थियों को वाहन चलाने के दौरान सीट बेल्ट, पथ परिवर्तन, लेन ड्राइविंग, स्टाॅप लाइन, एस गठन, सामानांतर पार्किंग, स्थायी पार्किंग, रिवर्स, पथ परिवर्तन, ट्रैफिक लाइट जंक्षन आदि यातायात नियमों का अनुसरण करना होगा. हर स्टेप के लिए अलग-अलग समय और अंक निर्धारित रहेगा. निर्धारित मानक के अनुसार ड्राइविंग करने पर ही अंक मिलेगा और टेस्ट में पास हो सकेंगे. जिसके बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा.