पटना:कोरोना के मद्देनजर जेल प्रशासन जेलों में बंद कैदियोंको लेकर काफी सतर्क हो गई है. जेल प्रशासन का मानना है कि जेल में बंद किसी भी एक कैदी कोरोना संक्रमित होता है तो इसे जेलों में फैलने से रोक पाना काफी मुश्किल होगा. जिस वजह से करोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा सभी जेलों में अलग से क्वारांटीन सेंटर बनाया गया है.
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कोरोना को लेकर ई-मुलाकात की व्यवस्था
संक्रमण जेलों तक ना फैले इसको लेकर मार्च से ही जेलों में बंद कैदियों से उनके परिजनों की मुलाकात कर रोक लगा दी गई है. वहीं, परिजन या उनके जानने वाले को आमने-सामने की मुलाकात की इजाजत पर बंदिश लगाते हुए ई-मुलाकात की व्यवस्था शुरू की गई है. अक्सर देखने को मिलता है कि जेलों में बंद नए कैदी के परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है कि वह जेल गेट पर आकर खड़े रहते हैं और उन्हें यह पता नहीं होता है कि उनका जो परिवार का सदस्य जेल में बंद है. वह किस वार्ड में है.
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हेल्प डेस्क से मिलेगी मदद
जेलों में बंद कैदियों के वकीलों को ही हेल्प डेस्क के माध्यम से काफी सहूलियत मिल पाएगी. यहां तक की उन कैदियों के बारे में सही जानकारी भी परिजनों तक नहीं मिल पाता है. जिस वजह से उनका सामान दूसरे कैदियों के पास पहुंच जाता है. जेल प्रशासन की मानें तो कैदियों के बारे में जानकारी या उनके सामान पहुंचाने को लेकर जेल गेट पर तैनात पुलिसकर्मी द्वारा पैसे की भी मांग की जाती है.