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पटना हाईकोर्ट ने ईस्ट सेंट्रल रेलवे के मैनेजर और डीआरएम को किया तलब

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में एनएच 83 मामले पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने ईस्ट सेंट्रल रेलवे के मैनेजर और डीआरएम को अगली सुनवाई में प्रस्तुत होने का आदेश दिया है. वहीं एनएच के निर्माण कर रही कपंनी के अधिकारियों को तलब किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 23 जून को होगी. पढ़ें पूरी खबर...

पटना हाईकोर्ट न्यूज
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Published : Jun 21, 2022, 8:28 PM IST

पटना:पटना हाईकोर्ट ने पटना-गया-डोभी एनएच 83 फोर लेन के मामले में सुनवाई (Hearing In Patna High Court) की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए गया के पास दो आरओबी के निर्माण के संबंध में रेलवे के जनरल मैनेजर और डीआरएम, ईस्ट सेंट्रल रेलवे को तलब किया है. ये जनहित याचिका प्रतिज्ञा नामक संस्था ने दायर किया है.

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राज्य सरकार का जवाब:पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार और एनएचएआई को निर्देश दिया था कि एनएच में सभी अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करें. कोर्ट ने संबंधित जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने में सहयोग और पुलिस बल मुहैया कराने का निर्देश दिया था. साथ ही बिजली के पोल और पेड़ों की कटाई की कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था. आज राज्य सरकार ने बताया कि वह एनएच निर्माण में हर तरह का सहयोग कर रही हैं. कोर्ट को बताया गया कि निर्माण आने वाले सभी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार तत्पर है.

निर्माण कंपनी के अधिकारी तलब:इसके साथ ही कोर्ट ने एनएच निर्माण करने वाली कंपनी के अधिकारियों को अगली सुनवाई में तलब किया है. उन्हें कोर्ट ने एनएच निर्माण में आ रही मुश्किलों और समस्यायों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के लिए बुलाया है. इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, एनएचएआई के अधिकारी और एनएच निर्माण करने वाली कंपनी को पटना-गया- डोभी राजमार्ग का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.

इस बारे में कोर्ट में इस कमिटी ने निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जिला प्रशासन को उन लोगों को मुआवजा देने की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया, जिनके भूमि का अधिग्रहण किया गया है. कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में निर्माण कंपनी से कहा कि कार्य करने की गति काफी धीमी हैं. कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया था कि वे निर्माण के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा अगली सुनवाई में प्रस्तुत करें.

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