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DM ने कोर्ट को दी जानकारी- 'जल्ला वाले हनुमान मंदिर की 20 बीघा जमीन पर अतिक्रमण', CO ने नकारा

जल्ला हनुमान मंदिर मामले में सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट में डीएम ने बताया कि लगभग बीस बीघा में अतिक्रमण हुआ है. वहीं, जबकि सीओ ने इस बात को नकारा है. कोर्ट ने डीएम को अगली सुनवाई में विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Sep 22, 2021, 6:20 PM IST

Patna High Court
Patna High Court

पटना:पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पटना सिटी स्थित जल्ला हनुमान मंदिर (Jalla Wale Hanuman Mandir) की सुरक्षा, संरक्षण और जलाशय पर किये गए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन को बताने को कहा कि कितने क्षेत्र में अतिक्रमण हुआ है.

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पटना कोर्ट ने जिलाधिकारी से यह जानकारी देने को कहा है कि अतिक्रमण से संबंधित कितने मामले चल रहे हैं और साथ ही इनकी स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया. बुधवार को कोर्ट में डीएम ने बताया कि जल्ला हनुमान मंदिर क्षेत्र में लगभग बीस बीघा में अतिक्रमण हुआ है, जबकि सीओ ने काफी कम जमीन पर अतिक्रमण की बात कही.

कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम, पटना को इस मामले पर अगली सुनवाई में विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना नगर निगम आयुक्त को सफाई और रौशनी की व्यवस्था के मामले पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था.

इस मामले में कोर्ट ने विगत 5 जुलाई को राजस्व सचिव को एक कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया था. पटना के जिला विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया. कोर्ट ने जलाशय की सुरक्षा के लिये उपाय करने को भी कहा था. पटना के जिलाधिकारी को संबंधित क्षेत्र को वीडियोग्राफी करवाकर की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था. साथ ही बीते 27 जुलाई, 2021 को कोर्ट ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करने को भी कहा था.

बीते 23 अगस्त को कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को राजधानी के बीचों-बीच स्थित इस जलाशय की सुरक्षा हेतु कार्रवाई करने को कहा था. कोर्ट ने जलाशय की घेराबंदी करने को भी कहा, ताकि जलाशय में कोई नया अतिक्रमण नहीं हो.

याचिकाकर्ता का कहना था कि मंदिर के पास के जल क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है. इस वजह से इसकी सुरक्षा व्यवस्था और संरक्षण को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया है. इस पर अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को की जाएगी.

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