पटनाःगया के अनुग्रह नारायण लॉ कॉलेज और बक्सर के जननायक कर्पूरी ठाकुर लॉ कॉलेज के सत्र 2023-24 में छात्रों का एडमिशन लेने की अनुमति से संबंधित याचिका पर आज पटना हाईकोर्ट(Hearing in Patna High Court) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि अगर कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी छात्रों का एडमिशन होगा.
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बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया से मांगा जवाबः कोर्ट ने इन कालेजों को बीसीआई के समक्ष निरीक्षण हेतु आवेदन करने को कहा है. अगर ये कॉलेज बीसीआई कालेजों के निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी उसे कॉलेज चालू करने और छात्रों के एडमिशन की अनुमति प्रदान की जाएगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गया के अनुग्रह नारायण कालेज और बक्सर के जननायक कर्पूरी ठाकुर लॉ कॉलेज के संबंध में बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया से जवाब मांगा था. आज बीसीआई ने इस सम्बन्ध में कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत किया.
कॉलेजों की जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराने की मांगः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के सरकारी और निजी लॉ कॉलेजों की स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ है. बीसीआई के निरीक्षण के बाद भी बहुत सारे कॉलेज निर्धारित मानकों को नहीं पूरा कर रहे हैं. उन्होंने इन कालेजों की जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराने का कोर्ट से अनुरोध किया. कोर्ट ने कहा कि अगर निर्धारित अवधि में इन कॉलेजों की स्थिति में सुधार नहीं किया जाता, तो जांच कराई जा सकती है. इससे पूर्व कोर्ट ने बीसीआई के अनुमति/ अनापत्ति प्रमाण 2021- 22 की सत्र के लिए राज्य के 17 लॉ कालेजों को दाखिले के लिए अनुमति दी थी.
अगली सुनवाई तीन सप्ताह बादःहाई कोर्ट ने पिछले 23 मार्च 2021 के उस आदेश , जिसके अंतर्गत बिहार के सभी 27 सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों में नए दाखिले पर रोक लगा दी गयी थी, इस आदेश में आंशिक संशोधन किया गया. इसके तहत इन 17 कॉलेजों में सशर्त दाखिले की मंजूरी दे दी है. हाई कोर्ट ने साफ किया कि नया दाखिला सिर्फ 2021-22 के लिए ही होगा. अगले साल के सत्र के लिए बार काउंसिल से फिर मंजूरी लेनी होगी. पिछली सुनवाइयों में कोर्ट ने इन कालेजों का निरीक्षण कर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को तीन सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि जिन लॉ कालेजों को पढ़ाई जारी करने की अनुमति दी गई थी, वहां की व्यवस्था और उपलब्ध सुविधाओं को भी देखा जाए. इस मामलें पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद की जाएगी.