पटनाःदेशभर में धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण की रफ्तार (Corona Infection In Bihar) फिर बढ़ने लगी है. माना जा रहा है यह तीसरी लहर की दस्तक है. बिहार में भी रोज मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं ओमीक्रोन ने भी दस्तक (Omicron In Bihar) दे दी है. दिसंबर में मामले काफी बढ़े हैं. लेकिन चिंता का विषय यह है कि प्रदेश में मिल रहे कोरोना संक्रमित मरीजों में से ओमीक्रोन मरीजों की पहचान नहीं हो पा रही है. यह इसलिए कि प्रदेश का एकमात्र जीनोम सिक्वेंसिंग लैब बंद (Lab Closed for Genome Sequencing in Bihar) है.
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बिहार में अब तक ओमीक्रोन का पता लगाने के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग शुरू नहीं की जा सकी है. लोगों को आशंका है कि हाल के दिनों में मिल रहे मामले ओमीक्रोन के भी हो सकते हैं, लेकिन लैब बंद होने की वजह से इसकी पहचान संभव नहीं हो पा रही है.
प्रदेश में 25 दिसंबर को कोरोना के 10 नए मामले सामने आए थे और एक्टिव मरीजों की संख्या 81 थी. वहीं, 26 दिसंबर को 28 नए मामले सामने आए और एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 98 हो गई. फिर 27 दिसंबर को प्रदेश में 26 नए मामले सामने आए और एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 116 हो गई. अगले दिन 28 दिसंबर को प्रदेश में संक्रमण के 47 नए मामले सामने आए और एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 155 हो गई. 29 दिसंबर को प्रदेश में संक्रमण के 77 नए मामले सामने आए और एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 215 हो गई. 30 दिसंबर गुरुवार को प्रदेश में संक्रमण के 132 नए मामले सामने आए और एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 300 से अधिक हो गई.
अकेले पटना में सबसे ज्यादा 160 एक्टिव मरीज हैं. मंगलवार को जहां 10 नए मामले सामने आए वहीं, बुधवार को 26 नए मामले सामने आए और गुरुवार को 60 नए मामले सामने आए हैं. संक्रमण जिस रफ्तार से बढ़ रहा है लोग मानने लगे हैं कि यह कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट का असर है.