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ईटीवी भारत से खास बातचीत में बोले हरियाणा के डिप्टी CM- बिहार के मजदूरों को बुलाएंगे वापस - PATNA NEWS

ईटीवी भारत के 'डिजिटल चैट' कार्यक्रम में हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जुड़े. इस दौरान उन्होंने प्रदेश से पलायन कर चुके मजदूरों समेत कई मुद्दों पर जवाब दिया. साथ ही लॉकडाउन में 8 जून से छूट को लेकर सरकार की रणनीति पर बातचीत की.

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री

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Published : Jun 5, 2020, 8:21 PM IST

चंडीगढ़: ईटीवी भारत ने हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी के बीच प्रदेश से पलायन कर चुके मजदूरों को वापस लाने को लेकर सरकार की कोशिशों की जानकारी दी. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मजदूर हमारी धरोहर है अगर वो प्रदेश में लौटना चाहते हैं तो सरकार उसके लिए सभी व्यवस्थाएं करेगी.

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आने वाले समय में हमें डिमाइग्रेशन भी करना पड़े तो हम करेंगे. हमने एक हजार बसों को स्टैंडबाई पर रखा हुआ है, जहां से भी डिमांड आएगी हम बसों को भेजेंगे. दुष्यंत ने कहा कि 8 लाख लोगों ने अपने घर जाने के लिए आवेदन किया था. उसमें से 9 हजार लोग हरियाणा वापस आना चाहते हैं, धीरे-धीरे ये नंबर और ज्यादा बढ़ेगा.

ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

'यूपी और बिहार के सीएम से बात करूंगा'
डिप्टी सीएम ने कहा कि मजदूर हमारी धरोहर है. हरियाणा सरकार रिवर्स माइग्रेशन पर मंथन कर रही है. प्रदेश में सबसे ज्यादा यूपी और बिहार के मजदूर थे. हम यूपी और बिहार राज्य से मजदूरों को वापस लेकर आएंगे. उन्होंने कहा कि मैं यूपी सीएम योगी आदित्य नाथ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करूंगा.

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मजदूरों को वापस लाने के लिए पोर्टल लॉन्च
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमने मजदूरों को वापस लाने के लिए पोर्टल भी लॉन्च किया है. जो मजदूर हरियाणा में आकर दोबारा काम करना चाहता है, वो पोर्टल के जरिए आवेदन करे. हम प्रदेश वापस लौटने वाले मजदूरों के लिए हर संभव व्यवस्था करेंगे. उन्होने कहा कि वो इस बारे में भी यूपी, बिहार के सीएम से बात भी करेंगें.

'MSMEs के लिए भी पोर्टल लॉन्च किया गया है'
डिप्टी सीएम ने कहा कि हम एमएसएमई के लिए 6 महीने तक 20 हजार वेतन वाले प्रति कर्मचारी का जो इंटर्स्ट होगा. अगर वो अपना क्रेडिट लिमिट बढ़ाता है तो सरकार भरेगी. इसके साथ ही केंद्र के पैकेज में बैंक एमएसएमई को लोन देने में भी ढिलाई बरत रही है. उनके लिए सरकार ने पोर्टल बनाया है. जिसकी देखरेख एक आईएएस अधिकारी की निगरानी में हो रही है. उसके जरिए हर फर्म को मदद दी जाएगी.

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