पटना: बिहार विधानसभा में नियुक्ति घोटाला की बात सामने आ रही है. भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने नियुक्ति में अनियमितता के आरोप लगाए हैं. भाजपा नेता ने नियुक्ति में बड़े पैमाने पर घोटाले की बात कही है. बहाली हेतु चयनित आउटसोर्सिग एजेंसी के कहने पर निविदा शर्तो में बदलाव हुआ है. भाजपा नेता ने राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है.
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निविदा शर्तों में बदलाव किया गयाः बिहार भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने राज्यपाल से भेंटकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि बिहार विधान सभा सचिवालय में हो रही नियुक्ति में भ्रष्टाचार और अनियमितता को रोकने हेतु हस्तक्षेप करें. मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है. सिन्हा ने कहा कि कार्य आवंटन के बाद बहाली हेतु चयनित एजेंसी के कहने पर उनकी सुविधानुसार निविदा शर्तों में बदलाव किया गया.
बहाली को पारदर्शी बनाने की मांगः विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सुरक्षित जमा राशि को कम किया गया और एजेन्सी को एकमुश्त राशि देने का प्रावधान किया गया. ज्ञापन में वर्ष 2000-2005 की अवधि में नियुक्ति में तत्कालीन अध्यक्ष सचिव एवं अन्य कर्मियों पर निगरानी ब्यूरो द्वारा चार्जशीट का उल्लेख करते हुये कहा गया है कि विधानसभा में बहाली पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और भाई भतीजावाद रहित होना चाहिये.
अनियमितता पर रोक लगाने की मांगः ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखने के बावजूद बहाली की प्रक्रिया के नाम पर संचिका एवं अन्य कागजात नहीं दिये गये. ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि विधान मंडल में आवश्यकता से अधिक पदों का सृजन किया गया है और नियुक्त किये गये कर्मियों के बैठने की जगह भी नहीं है. ज्ञापन में मांग की गई है कि राज्यपाल इस मामले मे अविलंब हस्तक्षेप करें और भ्रष्टाचार और अनियमितता पर रोक लगाएं.