पटनाः नियोजितशिक्षकों की लंबे समय से मांग रही है कि उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए और समान काम के बदले समान वेतन लागू हो. इन्हीं मांगों को लेकर शिक्षक संघ के आह्वान पर 11 जुलाई को पटना में शिक्षकों ने विशाल धरना प्रदर्शन किया, जिसके बाद सरकार ने वार्ता का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन को शांत कराया. ऐसे में अब शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सरकार की ओर से बड़ी उम्मीद लगाए हुए हैं.
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शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की है मांगः इस बैठक को लेकर टीईटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा है कि संघ ने लगातार एक ही मांग की है कि सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलना ही चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार का अनुभव या कार्य अवधि की बाध्यता नहीं लगानी चाहिए बल्कि सभी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा मिलना चाहिए. साथ ही साथ हम शिक्षकों को वर्षों से लंबित प्रमोशन और ट्रांसफर की सुविधा का भी लाभ दिया जाना चाहिए.
"संघ यह उम्मीद करता है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने जो आज बैठक आयोजित की है उसमें बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देने के मुद्दे पर ही वार्ता होगी. अगर सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की शर्त रखी गई तो वह हमें मंजूर नहीं होगा. अगर सभी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देने पर सरकार राजी नहीं हुई तो संघ इसका विरोध करेगा"- अमित विक्रम, अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ
'सरकार का सराहनीय पहल' : वहीं, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद ने बताया कि सरकार की ओर से उन लोगों को वार्ता का कोई निमंत्रण नहीं मिला है लेकिन शिक्षकों के मुद्दे पर महागठबंधन के विधानमंडल दल की आज बैठक हो रही है, यह सरकार का सराहनीय पहल है. उम्मीद करते हैं कि नियोजित शिक्षकों की जो डिमांड रही है जिस पर कांग्रेस राजद जदयू और वामदलों के नेता अपनी सहमति जता चुके हैं उसको सीएम के सामने रखेंगे. नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा यदि दिया जाता है तो इससे सरकार पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा.
सीएम आवास पर आज होगी बैठकः आपको बता दें कि आज शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर महागठबंधन के विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है, जिसमें राजद, जदयू, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआईएम और माले के विधानमंडल दल की प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस बैठक में भी महागठबंधन दलों के कुछ चयनित नेता ही शामिल होने वाले हैं. यानी कि कुछ चयनित नेताओं को ही आमंत्रण मिला है.
शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों को इस बैठक में निमंत्रित नहीं किया गया है. हालांकि शिक्षकों को इस बैठक से यह उम्मीद है कि शायद इस बैठक के बाद उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाए. गौरतलब है कि महागठबंधन के घोषणा पत्र में भी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने का वादा शामिल रहा है.