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बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में अब सिर्फ राज्य निवासी ही बनेंगे सरकारी शिक्षक - शिक्षक पात्रता परीक्षा

सरकार ने शिक्षकों की नई सेवा शर्त की अधिसूचना जारी कर दी है. नियोजन नियमावली भी जारी हुई है, जिसके तहत अब शिक्षक नियोजित नहीं होंगे, बल्कि नियुक्त होंगे.

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Published : Aug 23, 2020, 12:31 PM IST

पटनाः बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है. सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य के करीब 72 हजार सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के पद पर अब सिर्फ स्थानीय निवासी ही नियुक्त हो पाएंगे. शिक्षा विभाग ने नई नियमावली में इसका स्पष्ट प्रावधान कर दिया है.

बिहार के निवासी कर पाएंगे आवेदन
शनिवार को विभाग की ओर से अधिसूचित बिहार राज्य नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा और बिहार राज्य पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2020 में यह स्पष्ट किया गया है. इन दोनों नियोजन नियमावलियों के तहत नियुक्ति में भारत के नागरिक और बिहार के निवासी ही आवेदन कर पाएंगे.

स्थानीय आरक्षण लागू करने की मांग
राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन में यह व्यवस्था 2006 से ही लागू है, लेकिन प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन नियमावली में इसका उल्लेख नहीं था.जिसके कारण बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्यों के शिक्षक भी नियुक्त हो रहे थे. इसे लेकर शिक्षक अभ्यर्थी सरकार से कई बार मांग कर चुके थे. बिहार में विपक्ष भी स्थानीय आरक्षण लागू करने की मांग कर रहा था.

शिक्षा विभाग की नई नियमावली

शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया
नई सेवा शर्त नियमावली के अनुसार शिक्षक नियुक्ति में पहले की तरह ही शिक्षक प्रशिक्षण और अन्य अनिवार्य डिग्रियां रखी गई हैं. शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना भी इनमें से एक अनिवार्यता है, लेकिन अब मेधा सूची में शिक्षक पात्रता परीक्षा का अंक नहीं जुड़ेगा. नई नियमावली के तहत होने वाली बहाली सिर्फ नई बहालियों के लिए लागू होगी. पहले से जो शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया चल रही है उनमें पुराना प्रावधान ही लागू होगा.

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