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राज्यसभा में हरिवंश बाबू पर हमला करने वाले 'अर्बन नक्सल': गिरिराज सिंह

गिरिराज सिंह ने कहा कि हरिवंश सिर्फ बिहार के बेटा नहीं हैं, बल्कि जय प्रकाश नारायण के अनुयायी हैं. पूर्व पीएम चंद्रशेखर के साथ काम किए है. पत्रकार रहे. जब से राज्यसभा में आए और जब से उपसभापति बने तब से संवैधानिक व्यवस्था व मर्यादा के प्रतीक बने हुए हैं. विपक्षी सांसदों ने माफी नहीं मांगी तो बिहार इसका बदला लेगा.

Giriraj Singh
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Published : Sep 22, 2020, 7:15 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कृषि विधेयक जब राज्यसभा में पारित हो रहा था. तब हंगामा करने वाले सांसद अर्बन नक्सल जैसे ही थे. नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली ना तो नियम ना रुल का पालन करते हैं, ना संविधान को मानते हैं. गिरिराज ने कहा कि बिल्कुल वैसा ही राज्यसभा में हुआ. विपक्षी दलों के सांसदों ने उपसभापति के मर्यादा पर हमला किया है. उनकी हत्या करने की कोशिश की है.

गिरिराज ने कहा कि उस वक्त राज्यसभा में मार्शल नहीं होते तो उपसभापति हरिवंश के साथ कुछ भी हो सकता था. उनपर साजिश के तहत हमला किया गया था. उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसदों ने संविधान की हत्या की है. रुल बुक संविधान का अंग है. विपक्षी सांसदों ने रुल बुक को फाड़ा. इसका मतलब इन लोगों ने संविधान को फाड़ा. इन लोगों ने लोकतंत्र की हत्या की और संसद में गांधी जी के प्रतिमा के पास बैठे हैं और गांधी जी की प्रतिमा को अपमानित कर रहे हैं.

गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री

'माफी नहीं मांगी तो बिहार लेगा इसका बदला'
उन्होंने कहा कि हरिवंश सिर्फ बिहार के बेटा नहीं हैं, बल्कि जय प्रकाश नारायण के अनुयायी हैं. पूर्व पीएम चंद्रशेखर के साथ काम किए है. पत्रकार रहे. जब से राज्यसभा में आए और जब से उपसभापति बने तब से संवैधानिक व्यवस्था व मर्यादा के प्रतीक बने हुए हैं. विपक्षी सांसदों ने माफी नहीं मांगी तो बिहार इसका बदला लेगा. बिहार चुनाव में इस मुद्दे को उठायेंगे.

बता दें राज्यसभा में कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक पारित हो रहे थे तो विपक्ष के सांसद लगातार हंगामा कर रहे थे. उपसभापति हरिवंश के पास जाकर नारेबाजी की. रुल बुक को फाड़ दिया. आरोप है कि हरिवंश को अपशब्द कहा गया. विपक्ष के 8 सांसदों को निलंबित भी किया गया था. इसके बाद से वह संसद में प्रदर्शन कर रहे थे. विपक्षी सांसदों का आरोप है कि किसान बिल से किसानों को लाभ नहीं होगा. पूंजीपतियों को फायदा होगा.

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