पटना: मंगलवार को राजधानी में भले ही बारिश थम गई हो, लेकिन गंगा के जलस्तर में अब भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. गंगा नदी खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर बह रही है. मौजूदा समय में गंगा का जलस्तर 49.60 मीटर पर पहुंच गया है. जब तक जलस्तर में कमी नहीं आएगी, तब तक खतरा टला नहीं माना जा सकता. ऐसे में सरकार और स्थानीय अभी भी डरे हुए हैं.
बताया जा रहा है कि इंद्रपुरी बराज से 3.35 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर में वृद्धि हो रही है. जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि शाम तक गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो सकती है. गंगा के आसपास के विभिन्न प्रखंडों में और गंगा की सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गई है, जिस कारण कई गांवों के तटबंध भी टूट चुके हैं.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट तटबंध पर बसे गांव अलर्ट पर
गौरतलब है कि राजधानी समेत अभी तक दक्षिण बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही थी. लेकिन, अगले एक-दो दिनों में उत्तर बिहार की दर्जनभर नदियों के आसपास बसे गांवों को अलर्ट पर रखा गया है. मौसम विभाग ने नेपाल से निकलने वाली नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में 2 अक्टूबर तक भारी बारिश की आशंका जताई है.
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क्या कहती है जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट ?
बता दें कि अगर बारिश फिर से शुरू हुई तो गंगा के निचले इलाकों में वापस फिर से पानी भर सकता है. वहीं, पटना के लिए खतरनाक मानी जाने वाली पुनपुन और सोन का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर बिहार की कोसी, महानंदा, बागमती, अवधारा, गंडक, लखनदेई नदियों का पानी बढ़ रहा है. इनमें से अधिकतर नदियां नेपाल से निकलती हैं.