बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पटना का बंगाली अखाड़ा, यहां आजादी के दीवानों ने शुरू की थी दुर्गा पूजा

बंगाली अखाड़ा में माता की पूजा खास बंगाली रीति रिवाज से होती है. यहां अष्टमी और नवमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है.

शुरू हो गई दुर्गापूजा की तैयारी

By

Published : Sep 25, 2019, 11:40 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 9:52 AM IST

पटना:दुर्गापूजा त्योहार सुनते ही मन में बंगाली सुमदाय की तस्वीर आती है. राजधानी के लंगर टोली का बंगाली अखाड़ा पूरे प्रदेश में विख्यात है. आसपास के बंगाली समुदाय के लोग यहां माता की प्रतिमा स्थापित करते हैं और नवरात्रि के 9 दिनों तक पूजा-अर्चना करते हैं. नवरात्र के समय यहां बंगाली रीति रिवाज से विशेष पूजा की जाती है.

मां काली की प्रतिमा

बंगाली अखाड़े का इतिहास 126 वर्षों पुराना है. यह स्थान अपने आप में अनूठा है. लंगर टोली स्थित बंगाली अखाड़े में माता की पूजा भव्य तरीके से की जाती है. बड़ी पटन देवी के बाद बंगाली अखाड़े की ही मान्यता है. नवरात्रि के महीने में बंगाली अखाड़ा दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है.

शुरू हो गई दुर्गापूजा की तैयारी

नवरात्र में बंगाली रीति रिवाज से होती है पूजा
बंगाली अखाड़ा में माता की पूजा खास बंगाली रीति रिवाज से होती है. यहां अष्टमी और नवमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. बताया जाता है कि सन् 1842 में जब अंग्रेजों की हुकूमत थी, तब यहां अखाड़ा खेला जाता था. इसी बहाने आजादी के दीवाने स्वतंत्रता आंदोलनकारी यहां बैठकर रणनीति बनाते थे, ताकि अंग्रेजों को शक ना हो सके. आज इस स्थान में माता की मूर्ति बैठती है.

बंगाली अखाड़ा में होती है नवरात्र की खास पूजा.

बंगाली समुदाय के अलावा अन्य लोग भी लेते हैं हिस्सा
मां भगवती की पूजा उसी समय से शुरू हुई थी और काली की पूजा शक्ति के रूप में की जाने लगी थी. जिसमें ज्यादतर बंगाली और मारवाड़ी लोग हुआ करते थे. इसलिए इस स्थान का नाम बंगाली अखाड़ा पड़ा. इस पूरे अखाड़े के सभी सदस्य बंगाली ही हैं. हालांकि, अब सभी समुदाय के लोग इस अखाड़े में सदस्यता ग्रहण करने लगे हैं. नवरात्र के महीने में इस बंगाली अखाड़ा में खास पूजा का आयोजन होता है.

Last Updated : Sep 26, 2019, 9:52 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details