पटनाः एक ओर जहां बिहार सहित पूरा देश कोरोना महामारी और लॉकडाउन से त्रस्त है. वहीं, दूसरी ओर बाढ़ अनुमंडल के राशन डीलर की मनमानी भी चरम सीमा पर है.
प्रशासन की नहीं है निगरानी
गौरतलब है कि सरकार ने अप्रैल महीने से 3 महीने तक प्रति इकाई 5 किलो चावल और एक किलो दाल निशुल्क वितरण करने की घोषणा की है. लेकिन कई इलाकों में इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. लोगों ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से राशन वितरण की निगरानी नहीं की जा रही है. लिहाजा डीलर मनमानी कर रहा है.
बाढ़ अनुमंडल के अंतर्गत आने वाली जन वितरण प्रणाली की दुकान पर बैठा दुकानदार सोशल डिस्टेंसिंस नहीं हो रहा पालन
बता दें कि सुबह से ही जन वितरण प्रणाली की दुकान पर लोगों की भीड़ लगने लगती है. सरकार की ओर से घोषित मुफ्त राशन नहीं मिलने पर लोग हंगामा करते हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंस का भी पालन नहीं हो पाता है.
'सरकार नहीं उपलब्ध करा रही राशन'
लाभार्थियों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से सारा काम ठप पड़ा है. ऐसे में हमारी कमाई शून्य हो गई है. सरकार ने 3 महीने तक मुफ्त राशन की घोषणा की थी, लेकिन यहां दुकानदार सरकार की ओर से राशन उपलब्ध नहीं कराने की बात कर रहा है.