पटना:बिहार में कांग्रेस महागठबंधन में काफी मशक्कत के बाद जब सीटों का बंटवारा हो गया तो अब पार्टी के अंदर ही नाराजगी शुरू हो गई है. कांग्रेस में भले ही अब तक टिकटों का आधिकारिक एलान नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी के अंदर विरोध की चिंगारी सुलगने लगी है. विरोध करने वाले लोगों में जहां कुछ टिकट के दावेदार हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो पार्टी के पुराने कद्दावर रहे हैं.
कांग्रेस नेतृत्व पर हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस नेतृत्व को कठघरे में खड़ा किया. शर्मा ने मंगलवार को अलग-अलग ट्वीट कर कांग्रेस नेतृत्व पर हमला किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश चुनाव समिति की औपचारिक अनुशंसा बगैर उम्मीदवारों के चयन में स्थानीयता, सामाजिक समीकरण की अनदेखी और निष्ठावान कार्यकर्ताओं के हितों की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण है. पूर्व अध्यक्ष ने मामले में शीर्ष नेतृत्व से हस्तक्षेप की उम्मीद की है.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का ट्वीट सीटों के नाम की नहीं मिली जानकारी
शर्मा ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि इस बार राज्य में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक आहूत नहीं की गई और न ही उम्मीदवारों का कोई पैनल ही तैयार किया गया. जिस वजह से स्क्रीनिंग कमिटी को प्रभारी, प्रभारी सचिव, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता की निजी पसंदगी-नापसंदगी पर आधारित अनुशंसा पर ही विचार करना पड़ा. जाहिर है प्रदेश अध्यक्ष और विधानमंडल दल के नेता की निजी पसंद-नापसंद के आधार पर ही निर्णय लेने की बाध्यता रही होगी. उन्होंने कहा मीडिया की खबरों के अनुसार 70 विधानसभा सीटें पार्टी को बंटवारे में मिली है, लेकिन सीटों के नाम की जानकारी अब तक नहीं मिली है.
पार्टी के अंदर शुरू विरोध
पूर्व अध्यक्ष के अलावा युवा कांग्रेस के अंदर भी नेतृत्व के फैसले को लेकर विरोध जारी है. कांग्रेस की परंपरागत सीट बछवाड़ा सीपीआई को देने का विरोध भी पार्टी के अंदर ही अंदर शुरू हो गया है. चर्चा है कि जैसे-जैसे टिकटों की जानकारी बाहर आएगी कांग्रेस के अंदर विरोध की लहर और तेजी होती जाएगी. अब देखना होगा कि कांग्रेस नाराज नेताओं को यूंही छोड़ देते हैं या फिर मनाने की कोशिश करते हैं.