पटना: चिराग-पारस (Chirag Paswan-Pashupati Paras) प्रकरण के बाद बिहार में एक अलग तरह की राजनीति (New Politics In Bihar) अंगड़ाई लेने लगी है. नीतीश (Nitish Kumar) विरोधी खेमे की सक्रियता बढ़ गई है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) के समर्थन में पूर्व सांसद अरुण कुमार (Arun Kumar) उतर आए हैं और वे बतौर रणनीतिकार उभर कर सामने आ रहे हैं.
विधानसभा चुनाव के दौरान ही नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और चिराग पासवान के बीच मतभेद उभर कर सामने आए थे. चिराग पासवान ने आर-पार की लड़ाई छेड़ दी थी. चिराग पासवान की वजह से ही जदयू बिहार में 43 सीटों पर सिमट गयी. तब से ही नीतीश कुमार का चिराग के प्रति राजनीतिक शत्रुता कायम है.
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चिराग के सामने चक्रव्यूह भेदने की चुनौती
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने चिराग पासवान को चक्रव्यूह में फंसाने की भरपूर कोशिश की. चाचा पशुपति पारस ने बगावत किया. 5 सांसद पार्टी से अलग हो गए. दोनों ओर से जोर आजमाइश का दौर अब भी जारी है.
चिराग पासवान मजबूती के साथ चाचा से दो-दो हाथ कर रहे हैं. एक तरफ पशुपति पारस ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के जरिए अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की तो दूसरी तरफ चिराग पासवान ने भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को ही हथियार बनाया.
चिराग का साथ दे रहे रणनीतिकार
कभी नीतीश कुमार के लिए रणनीतिकार रहे पूर्व सांसद अरुण कुमार ने चिराग पासवान के समर्थन में उतरने का फैसला लिया है. अरुण कुमार ने चिराग पासवान से मुलाकात की और भविष्य की रणनीति भी तैयार की है. आपको बता दें कि पूर्व सांसद अरुण कुमार ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में मोर्चा बनाया था और नीतीश कुमार को घेरने की भरपूर कोशिश की गई थी.
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कई और नेताओं को मोर्चे से जोड़ने की तैयारी
'पशुपति पारस ने अनैतिक काम किया है. नीतीश कुमार के इशारे पर पार्टी में टूट की गई है. मैं इस घटना की तीखी भर्त्सना करता हूं. राजनीति में ऐसे कुकृत्य नहीं होने चाहिए. मैं पूरी तरह चिराग पासवान के साथ हूं. भविष्य की रणनीति तैयार की जा रही है. समय आने पर रणनीति का खुलासा करूंगा.'-अरुण कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय सबलोग पार्टी और पूर्व सांसद
-डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक 'चिराग पासवान प्रकरण से बिहार में नई राजनीति देखने को मिल सकती है. बिहार में जातिगत राजनीति होती है. ऐसे में अगर अरुण कुमार, यशवंत सिन्हा सरीखे नेता चिराग पासवान से जुड़ते हैं, तो बिहार की राजनीति में नया समीकरण देखने को मिल सकता है.'-डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
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