पटना : बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक भर्ती के रिजल्ट में आरक्षण की अनदेखी का आरोप हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने लगाया है. उन्होंने कहा है कि बीपीएसएसी शिक्षक नियुक्ति की उच्चस्तरीय जांच करने की जरूरत है. जीतन राम मांझी ने इस भर्ती परीक्षा में नियुक्ति की तुलना 'लैंड फॉर जॉब' की तर्ज 'मनी फॉर जॉब' की तरह करने का आरोप लगाया है.
BPSC Teacher Recruitment की हो उच्चस्तरीय जांच, लैंड फॉर जॉब के तर्ज पर हुआ घोटाला : मांझी
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बिहार में हुई बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इसमें लैंड फॉर जॉब की तर्ज पर पैसा लेर नौकरी दी गई है. इसकी जांच होनी चाहिए. पढ़ें पूरी खबर-
Published : Oct 24, 2023, 3:40 PM IST
|Updated : Oct 24, 2023, 4:33 PM IST
''BPSC शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है. आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के 'लैंड फॉर जॉब' के तर्ज पर 'मनी फॉर जॉब' स्कीम के तहत की गई है. 'पैसा दो सरकारी नौकरी लो' घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है.''- जीतन राम मांझी, हम संरक्षक
'आरक्षण की अनदेखी की हो हाई लेवल जांच' : जीतन राम मांझी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि इनकी नियुक्ति पैसे लेकर की गई है. साथ ही आरक्षण के नियमों की भी अनदेखी की गई है. ऐसे में बिहार सरकार ने युवकों की उम्मीदों का बेड़ा गर्क करके रख दिया है. सरकार को चाहिए कि इसकी हाई लेवल जांच होनी चाहिए.
शिक्षकों की हुई थी BPSC द्वारा नियुक्ति : बता दें कि बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती की गई थी. लोक सेवा आयोग ने 24 अगस्त, 25 अगस्त और 26 अगस्त को परीक्षा दो-दो पालियों में आयोजित की थी. इसमें सभी विषयों के रिजल्ट आ गए हैं. 1.20 लाख से अधिक चयनित शिक्षकों को सीएम नीतीश कुमार अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपेंगे.