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LOCKDOWN इफेक्ट: फसल की कटाई नहीं होने से संकट में किसान, मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या

बेमौसम वर्षा व ओलावृष्टि की समस्या झेल रहे किसान लॉकडाउन की वजह से अधिक परेशान हो गए हैं. फसल काटने का समय आ चुका है और इन्हें मजदूर नहीं मिल रहा.

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Published : Apr 11, 2020, 5:51 PM IST

पटना: पहले प्राकृतिक आपदाओं और अब कोरोना वायरस को लेकर देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण किसान और मजदूर काफी संकट में हैं. राज्य के बाढ़ अनुमंडल के टाल क्षेत्र के किसान कहते हैं कि प्रकृति की मार से हम पहले ही पीड़ित थे अब इस कोरोना ने दस्तक देकर हमारे जीवन पर संकट ला दिया है. इनका कहना है कि महामारी के डर से से मजदूर घर से बाहर नहीं निकल रहे और इनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं.

समय पर गेंहू कटाई नहीं होने से नुकसान

किसानों के आगे दोगुनी समस्या
फसलों की कटाई का समय सिर पर है. अगर अभी गेंहूं की कटाई नहीं हुई तो इन किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. वहीं देश में लॉकडाउन लगा हुआ है, जिससे न तो ये अपनी फसल मजदूरों से कटवा सकते हैं न ही बाजार में उचित दाम पर पहुंचा सकते हैं.

खेत में काम करती महिला

'भुखमरी हमारे आगे मुंह बाय खड़ी है'
इनका कहना है कि कृषक मजदूर के सामने भुखमरी की समस्या मुंह खड़ी हो गई है. अनुमंडल के टाल क्षेत्र स्थित धनावां-मोबारकपुर पंचायत के बुढ़नपुर गांव के बड़े किसान महेश प्रसाद सिंह ने बताया कि असमय वर्षा एवं ओला पड़ने के कारण खेत में लगे गेहूं, चना, मूंग और मसूर सहित तमाम फसलें नष्ट हो गई हैं. कुछ फसलें बची भी तो उसमें दानें नहीं हैं सिर्फ धांगे हैं. उसे भी कटनी के लिए मजदूर नहीं मिल रहा है.

पक चुकी है फसल

किसानों के आगे आर्थिक संकट
वहीं, किसान श्रीसिंह ने बताया कि किसानों को काफी रुपए खर्च कर खेतों में फसल लगाने के बाद प्राकृतिक आपदा आर्थिक क्षति पहुंचाती है और किसानों को निराश होना पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष क्षेत्र के किसानों के बीच काफी आर्थिक संकट व्याप्त है.

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