नई दिल्ली/पटना:केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DIPRMP) पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया और राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली पोर्टल (NGDRS) व डैशबोर्ड लॉन्च किया. उन्होंने बताया कि DIPRMP के विभिन्न घटकों में कुल 6,56,190 गांवों में से 6,00,811 गांवों में भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण पूरा कर लिया गया है.
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उन्होंने कहा कि कुल 1.63 करोड़ राजस्व मानचित्रों/एफएमबी में से 1.11 करोड़ राजस्व मानचित्रों/एफएमबी का डिजिटलीकरण पूरा कर लिया गया है. कुल 5220 उप रजिस्ट्रार कार्यालयों में से 4883 उप रजिस्ट्रार कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण कर लिया गया है. कुल 5220 उप रजिस्ट्रार कार्यालयों में से 3975 उप रजिस्ट्रार कार्यालयों का राजस्व कार्यालयों के साथ एकीकरण कर लिया गया है. कुल 6712 तहसीलों/राजस्व कार्यालयों में से 2508 में आधुनिक अभिलेख कक्षों की स्थापना कर दी गई है. कुल 6,56,190 गांवों में से 74,789 गांवों में सर्वेक्षण/पुनर्सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है.
''DIPRMP और स्वामित्व योजना के तहत छोटे जमीन मालिकों को लाभ हो रहा है. छोटे जमीन मालिकों को आसानी से ऑनलाइन लैंड रिकॉर्ड मिल जा रहा है. आधार कार्ड के तर्ज पर हरेक लैंड होल्डिंग्स के लिये एक यूनिक आईडेंटिटी होगी. इसे कोर्ट व बैंक से जोड़ा जायेगा. भूमि को लेकर कोई विवाद है या नहीं इसकी जानकारी मिल जाएगी. DIPRMP योजना का 'वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन' विषय को ध्यान में रखते हुए विस्तार हो रहा है. अब तक इसे 13 राज्यों में कार्यान्वित और अन्य 6 राज्यों में इसका प्रायोगिक परीक्षण किया जा चुका है. करीब 11 करोड़ जनसंख्या को कवर किया जा चुका है.''-गिरिराज सिंह, केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री