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किसानों के लिए पूर्व मध्य रेल की महत्वपूर्ण पहल, अलग-अलग रूटों पर चलाया जा रहा 8 किसान रेल - किसानों के लिए पूर्व मध्य रेल महत्वपूर्ण पहल

सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि किसानों की उपज को नए बाजार मुहैया कराने की दिशा में पूर्व मध्य रेल महत्वपूर्ण पहल की है. अभी पूर्व मध्य रेल द्वारा 8 किसान रेल चलाई जा रही है.

पटना
सीपीआरओ राजेश कुमार

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Published : Feb 20, 2021, 8:09 PM IST

पटना: किसानों की उपज को नए बाजार मुहैया कराने की दिशा में पूर्व मध्य रेल महत्वपूर्ण पहल की है. सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि अभी पूर्व मध्यरेल द्वारा 8 किसान रेल चलाया जा रहा है. इस नए अवसर से आय में भी वृद्धि हो जिससे किसान इसका लाभ ले सकें. किसान रेल के जरिए हरी साग सब्जी या फल को निर्धारित समय सीमा से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकेगा.

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सीपीआरओ राजेश कुमार ने दी ये जानकारी :-

  • देश की पहली किसान रेल को प्रधानमंत्री ने देवलाली से दानापुर तक रवाना किया था और अब इस ट्रेन को एक्सटेंशन करके मुजफ्फरपुर तक कर दिया गया है.
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से लेकर उत्तर बिहार तक आने वाले कई किसान रेल या माल गाड़ियों की वृद्धि को लेकर रेलवे प्रशासन प्रयास कर रहा है और इस कड़ी में काफी सफल भी हुआ है.
  • पूर्व मध्य रेल सब्जियों की धुलाई पर 50% तक सब्सिडी देकर उनके सब्जियों या फलों को समय सीमा अंतर्गत पहुंचाया जा रहा है और इससे रेलवे को भी काफी मुनाफा हो रहा है.
  • रेलवे प्रशासन आने वाले दो माह में और किसान रेलों की संख्या और बढ़ाने की योजना बना रहा है. जिससे बिहार के किसान इसका लाभ ले पाए और अपनी मर्जी से बिहार के किसी कोने से देश के कोई हिस्सा में अपने समानों को ले जाकर बेच सके.
    देखें रिपोर्ट.
  • इसके साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल ने जनवरी 2021 में माल ढुलाई से प्राप्त आय में 45% से प्राप्त आय में 7.7 8% की वृद्धि दर्ज की और लगातार प्रयास किया जा रहा है कि किसानों को लगातार सहूलियत मिले और वह अपने सामानों को देश के किसी कोने तक बाजार तक ले जा सके.
  • डीडीयू मंडल द्वारा धान की लोडिंग से 19 करोड़ का राजस्व रेलवे को प्राप्त हुआ है. मंडल की पार्सल से प्राप्त आय में भी लगातार वृद्धि हो रही है और ऐसे में कई ऐसे वस्तुओं को भी रेल मार्ग से परिवहन प्रारंभ हुआ है, जिसका परिवहन पहले सिर्फ सड़क मार्ग द्वारा किया जा रहा था. इनमें खास करके चिरौंजी. पेपर रोल, मोटर पंप एवं पीतल निर्मित सामान शामिल है. जिसको व्यापारी रेल मार्ग से इन वस्तुओं को ले जा रहे हैं.
  • आने वाले दिनों में पटना से सटे दानापुर मंडल के कई गुड्ससेड से लोडिंग प्रारंभ हो गई है और दानापुर मंडल लगभग तीन करोड़ का राजस्व प्राप्त किया. इसी तरह सोनपुर मंडल द्वारा भी फ्लाई एस की लोडिंग की दिशा में प्रयासरत है.
  • सोनपुर मंडल द्वारा दुग्ध पार्सल सेवा पुनः शुरू करने की तैयारी है. जिससे कि मंडल को अनुमानतः 10 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है और इस कड़ी में सोनपुर मंडल में भी अब कई ऐसे वस्तुओं का भी रेल मार्ग से परिवहन किया जा रहा है.
    अलग-अलग रूटों पर चलाया जा रहा 8 किसान रेल
  • इन वस्तुओं में दवा, फल, सब्जी इलेक्ट्रिक उत्पादक सुपारी, चूड़ी, थर्माकोल, अजवाइन, बीड़ी, टायर, मछली जैसे वस्तुएं शामिल है. जिससे किसान खास करके लाभान्वित हो रहे हैं और इसके साथ ही माल ग्राहकों की सुविधा हेतु सोनपुर मंडल के खगड़िया एवं तिलरथ स्टेशन पर 26 जनवरी से 24 घंटे सेवा प्रारंभ भी किया गया है.
  • वहीं समस्तीपुर मंडल के रामगढ़वा से एक मिनी रेक चावल की लोडिंग की शुरआत की गई है. समस्तीपुर मंडल द्वारा चालू वित्त वर्ष में अब तक 566 वैगन चीनी का लदान किया गया है. जिसे मंडल को 4.67 करोड़ की आय प्राप्त हुई है. माल ग्राहकों की सुविधा हेतु समस्तीपुर मंडल के तारसराय स्टेशनों पर 12 फरवरी से राउंड द क्लॉक सेवा शुरू किया गया है.
  • रेलवे प्रशासन द्वारा 2024 तक माल ढुलाई दोगुना करने के लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मुख्यालय और मंडल स्तर पर बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट का गठन भी किया गया है. जिससे व्यापारी वर्ग के साथ-साथ किसानों को भी माल ढुलाई में पार्सल बुकिंग में किसी प्रकार का परेशानी ना हो और इसका लाभ ले सकें.
  • बरौनी से टाटानगर तक पहली दूध स्पेशल ट्रेन भी चलाई गई है. साथ ही पूर्व मध्य रेल अंतर्गत कई कॉरिडोर और गुड्ससेड के निर्माण कार्य चल रहे हैं. विद्युतीकरण से लेकर के दोहरीकरण तक के कार्य पूर्व मध्य रेल में चल रहे हैं. जो लगभग 70 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुके हैं और दिसंबर 2021 तक जब काम पूर्ण रूप से हो जाएगा तो आने वाले दिनों में माल गाड़ियों की संख्या भी बढ़ेगी और सबसे ज्यादा लाभ किसान इसका ले पाएंगे.
  • बिहार के एक छोर से दूसरे छोर तक अपने सामानों को समय सीमा के अंदर ले जा पाएंगे. मालगाड़ियों की रफ्तार भी बढ़ी है, जो पहले 25 से 30 किमी घंटा चलती थी. जो आज 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे चल रही है.
  • दोहरीकरण और अलग ट्रैक हो जाने से माल गाड़ियों की स्पीड में गति आई है और इसका सीधा लाभ किसान और व्यपारियों को मिल रहा है और खास करके मेक इन इंडिया में ट्रांसपोर्टेशन के दामों में कमी किया जाए और भारतीय रेल इसमें योगदान दे रही है. जिससे व्यापारी वर्ग के साथ किसान को भी इसका लाभ ले रहे हैं.

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