पटना: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कॉल पर देशभर में चिकित्सक बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के आधुनिक चिकित्सा और वैक्सीनेशन के खिलाफ दिए बयान को लेकर विरोध में काला बिल्ला लगाकर कार्य किया. आईएमए बिहार ने भी सोमवार को डॉक्टरों से समर्थन की मांग की. जिसके बाद प्रदेश के सभी एलोपैथिक चिकित्सक मंगलवार के दिन हाथ में काली पट्टी बांधकर कार्य करते नजर आए.
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बिहार आईएमए के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि रामदेव के बयान के विरोध में बिहार में सभी चिकित्सा संगठनों से जुड़े चिकित्सकों ने काला बिल्ला लगाकर चिकित्सीय कार्य किया और ये विरोध प्रदर्शन पूर्ण रूप से सफल रहा है.
''जिस प्रकार से यह विरोध प्रदर्शन सफल हुआ है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाबा रामदेव के बयान से किस प्रकार मॉडर्न मेडिसिन से जुड़े हुए चिकित्सक आहत हुए हैं. रामदेव के बयान से मॉडर्न मेडिसिन से जुड़े हुए लोग काफी दुखी हैं, क्योंकि वह लोग साइंटिफिक टेंपरामेंट के अनुसार काम करते हैं. ऐसे में बाबा रामदेव का बयान कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार और चिकित्सकों के प्रयास को कमजोर कर रहा है.''-डॉ. अजय कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष, आईएमए बिहार
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डॉ. अजय कुमार ने कहा कि सरकार के कानून के मुताबिक कोरोना के वैक्सीन के खिलाफ कुछ बोलना या कोरोना के नैतिक इलाज के खिलाफ कुछ बोलना एक क्रिमिनल एक्ट है. इस क्रिमिनल एक्ट के तहत बाबा रामदेव को जेल में होना चाहिए. जब तक रामदेव के ऊपर कार्रवाई नहीं होती है, वह कोरोना में अपने कार्य के साथ-साथ विरोध भी जारी रखेंगे. कोरोना के खिलाफ युद्ध को कमजोर करने के लिए रामदेव का जो प्रयास है, उसे वह सफल नहीं होने देंगे.