पटनाः बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा (Teacher Recruitment In Bihar ) को लेकर BPSC ने एक निर्देश जारी किया है. निर्देश में कहा गया है कि बीएड अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा. इसके बाद से बिहार के बीएड अभ्यर्थियों के बीच बीपीएससी (Bihar Public Service Commission) के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है. छात्रों का कहना है कि आयोग को पहले ही स्पष्ट कर देना चाहिए था ताकि अभ्यर्थी परीक्षा ही नहीं देते. बीपीएससी के निर्देश के बाद से शिक्षक संघ भी अभ्यर्थियों के साथ विरोध जता रहे हैं.
'ठगा महसूस कर रहे अभ्यर्थी': बता दें कि बिहार में 170641 पदों पर शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रक्रिया चल रही है. परीक्षा के बाद उच्च माध्यमिक और माध्यमिक के शिक्षक अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी हो चुका है. इसी बीच शिक्षा विभाग और बीपीएससी ने बीएड अभ्यर्थियों का रिजल्ट प्रकाशित नहीं करने के निर्देश के बाद से विरोध शूरू हो गया है. इस परीक्षा के माध्यम से कक्षा 1 से 5 के लिए प्रारंभिक शिक्षकों के 79943 पद भरे जाने हैं. जिसके लिए 3.90 लाख b.ed योग्यताधारी अभ्यर्थियों ने परीक्षा दिया है. अब अभ्यर्थी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
'4 साल बाद आई वैकेंसी': बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने कहा कि 4 साल की लड़ाई लड़ने के बाद सरकार वैकेंसी लाई. परीक्षा के नोटिफिकेशन में कहीं नहीं था कि कक्षा 1 से 5 के लिए प्रारंभिक में बीएड योग्यता धारी अभ्यर्थी फॉर्म नहीं भरेंगे. 15 दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट से प्रारंभिक शिक्षकों के नियुक्ति को लेकर बीएड अभ्यर्थियों से जुड़ा निर्णय आया. इसके बाद B.ed योग्यता धारी अभ्यर्थियों ने सरकार से परीक्षा को लेकर रणनीति स्पष्ट करने को कहा लेकिन, बावजूद उसके उस समय उन लोगों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया.