पटना: उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बिहार बजट 2020-21 पेश करने से पहले 31 जनवरी से 15 फरवरी के बीच 10 वर्ग समूहों से परिचर्चा कर बजट के संबंध में उनकी अपेक्षाएं और सुझाव जाने जायेंगे.
बजट पूर्व परिचर्चा की यह परिपाटी विगत 2006 से ही जारी है. इस साल पहली बार इसमें 10 समूहों को शामिल किया गया है. 24 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट और 25 फरवरी को बजट पेश किया जागा.
आम लोगों से सुझाव आमंत्रित
सुशील मोदी ने बताया इसके अलावा अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कर आम लोगों से बजट 2020-21 के लिए 10 फरवरी तक उनके सुझाव भी आमंत्रित किये गये हैं. बजट पूर्व पहली बैठक 31 जनवरी को मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में वन, वानिकी एवं पर्यावरणीय प्रक्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ आयोजित की गयी है. उसके बाद आगामी 15 फरवरी तक नौ बैठकों के जरिये सूचना एवं प्रावैधिकी, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण, करारोपण, कृषि एवं संबंधित प्रक्षेत्र, पशुपालन एवं संबंधित प्रक्षेत्र, उद्योग, महिला एवं बाल विकास, कला, संस्कृति, खेल एवं पर्यटन तथा संवेदक से संबंधित प्रक्षेत्र के साथ विमर्श किये जायेंगे.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 का बजट दो लाख एक हजार करोड़ से ज्यादा का था. इस बार के बजट को आम लोगों और विभिन्न क्षेत्रों के स्टेकहोल्डर्स से प्राप्त सुझाव और उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार कर राज्य के सभी क्षेत्रों के समेकित विकास को गति दी जायेगी.