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11वीं में फेल हो गए थे गुप्तेश्वर पांडेय, आज बिहार के हैं DGP

जीवन में कभी हताश नहीं होना हैं, जीवन में कभी निराश नहीं होना हैं, जीवन में कभी हिम्मत नहीं हारनी है और जीवन में कुछ भी मुम्मकिन है. बिहार पुलिस सप्ताह 2020 के अवसर पर सरदार पटेल भवन में 'युवाओं के साथ संवाद' कार्यक्रम को सम्बोधित करते बिहार DGP गुप्तेश्वर पाण्डेय ने ये बातें कहीं.

पटना
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Published : Feb 27, 2020, 8:30 PM IST

Updated : Feb 27, 2020, 8:41 PM IST

पटना: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने जीवन को लेकर एक ऐसी बात का जिक्र किया, जिसे सुनकर संवाद कार्यक्रम में मौजूद सभी अधिकारी और छात्र चौंक गए.

हालांकि, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की बातों को सुनकर पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. डीजीपी ने संवाद कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि, 'मैं 11वीं में तो फेल हो गया था, लेकिन उसके बाद भी डीजीपी बन गया.'

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का बयान

'11वीं में फेल हो गया था'
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने छात्रों को अपनी कहानी सुनाई. उन्होंने कहा कि मेरा जन्म बक्सर के एक छोटे से गांव में हुआ. न सड़क थी न स्कूल. खुले आसमान के नीचे गुरुजी खटिया पर बैठते थे और हमलोग बोरा पर. पढ़ाई के तरीके भी अलग थे. हमने पहली क्लास पास की, फिर दूसरी, तीसरी पास किया कैसे पता नहीं. लेकिन पास करते गया. लेकिन 11वीं फेल कर गया. मैं बड़ी ईमानदारी से कहता हूं, कुछ छुपा नहीं रहा, पहली बार में मैं 11वीं में फेल हो गया, स्ट्रीम बिलकुल अलग था, आठवीं से स्ट्रीम अलग हो जाता था.

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय

'आप कुछ भी क्रैक कर सकते हैं'
डीजीपी ने कहा, इसके बाद मैंने परीक्षा दी. 11वीं पास किया, बीए पास किया. मैंने बहुत मेहनत की. इसके बाद मैं थोड़ा थोड़ा बोल सकता था. She Laughs. Ram Goes. I eat, I walk. I sleep. इससे ज्यादा अंग्रेजी मुझे नहीं आती थी. लेकिन जब मुझे पता चला कि अंग्रेजी सीखनी होगी, तो मैंने एक साल तक खूब मेहनत की. इसके बात सफलता मेरे कदम चूमने लगी, उसके बाद डीजीपी भी बन गया. उन्होंने छात्रों से कहा कि जब उनके जैसा औसत से भी निम्न छात्र डीजीपी बन सकता है, तो आज के होनहार छात्र मेहनत के बल पर क्या नहीं हासिल कर सकते.

Last Updated : Feb 27, 2020, 8:41 PM IST

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