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दिल्ली: लग्जरी गाड़ी चोरी करने वाले हाईटेक वाहन चोरों को पुलिस ने दबोचा

लग्जरी गाड़ी चोरी करने वाले हाईटेक वाहन चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ये बिहार में बैठे ऑपरेटर से ऑर्डर मिलने के बाद गाड़ी चोरी करते थे.

नई दिल्ली
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Published : Sep 11, 2020, 5:05 PM IST

नई दिल्ली/पटना: बिहार में बैठे ऑपरेटर से ऑर्डर मिलने पर दिल्ली में लग्जरी गाड़ी चोरी कर बेचने वाले हाईटेक चोरों के गिरोह के चार बदमाशों को मैदानगढ़ी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों मोहम्मद साजिद, आकाश, मुन्ना और सोनू के पास से पुलिस ने 6 लग्जरी कार, लग्जरी कारों में लॉक तोड़ने की डिजिटल मशीन, ईसीएम, कार के लॉक और डुप्लीकेट चाबी बरामद की है. आरोपी दिल्ली से गाड़ी चोरी कर बिहार भेजते थे, जहां से यह गाड़ी ऑर्डर करने वालों को भेजी जाती थी. हर गाड़ी पर आरोपियों को एक लाख रुपया मिलता था.

पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि छतरपुर इलाके से 2 सितम्बर को एक लग्जरी गाड़ी चोरी होने की शिकायत मिली थी. मैदानगढ़ी थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. एसएचओ जतन सिंह, चौकी इंजार्च एसआई उमेश यादव, एसआई राम सिंह सहित 6 सब इंस्पेटर की तीन अलग अलग टीम बनाई गई. तीनों टीमों ने वारदात वाली जगह की सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य कई सुराग जमा किए तो सामने आया कि एक ऑटो में आए तीन बदमाशों ने चंद मिनट में लग्जरी गाड़ी का लॉक तोड़ा और उसे लेकर चले गए. इस फुटेज की मदद से पुलिस टीम ने ऑटो चालकों से पूछताछ शुरू की और आरोपी ऑटो चालक की तलाश शुरू की.

हाईटेक वाहन चोरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

ऑटो चालक की मदद से आरोपियों तक पहुंची पुलिस
पुलिस टीम ने करीब 70 ऑटो चालकों से पूछताछ और ऑटो के रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर की जानकारी जुटा ली. जिसके बाद पुलिस आरोपी ऑटो चालक तक पहुंच गई. पुलिस ने उसे दबोचा और उससे पूछताछ शुरू की. पूछताछ के बाद आरोपी ने साजिद और मुन्ना की जानकारी दी. उनकी गिरफ्तारी के बाद उनकी निशानदेही पर पुलिस ने चोरी का सामान बरामद कर लिया है. फिलहाल पुलिस टीम गिरोह के सरगना पिन्टू की तलाश में छापेमारी कर रही है.

डिजिटल तरीके से करते थे चोरी
आरोपियों ने बताया कि ऑर्डर मिलने के बाद वह गाड़ी की तलाश करते थे. गाड़ी मिलने के बाद वह गाडी में लॉक तोड़ने की डिजिटल मशीन उसमें लगाते थे. जिससे लॉक खराब हो जाता था और फिर आरोपी डुप्लीकेट चाबी से गाड़ी खोलकर उसका ईसीएम बदल देते थे. ईसीएम बदलने के बाद आरोपी गाड़ियों को ले जाकर दूसरी जगह खड़ी कर देते थे और फिर यह गाड़ियां बिहार भेज दी जाती थी.

दस्तावेज के साथ बेचते थे गाड़ी
आरोपियों ने बताया कि बिहार में बैठा पिन्टू उन्हें गाड़ियों के आर्डर देता था. वह बताता था कि उन्हें किस गाड़ी का कौन सा मॉडल चोरी करना है. जिसके बाद वह गाड़ी चोरी कर बिहार से आए पिन्टू के ड्राइवर को सौंप देते थे. जिसके बाद दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियां, जो स्क्रैप की जा चुकी होती हैं, उनके फर्जी दस्तावेजों को चोरी की गाड़ियां लेने वालों को दिया जाता था. चोरी की गाड़ी का चेसिस नम्बर, रजिस्ट्रेशन नम्बर स्क्रैप की जा चुकी गाड़ी के नम्बर से बदल दिया जाता था. साथ ही स्क्रैप की गई गाड़ी के मालिक का एक सेल लैटर तैयार किया जाता था, जो चोरी की गाड़ी को खरीदने वाले को दिया जाता था. जिससे भविष्य में कोई भी यह नहीं पता लगा सकता था कि यह चोरी की गाड़ी है. इसकी एवज में पिन्टू खरीददारों से मोटी रकम लेता था.

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