पटना:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2020-21 को पेश किया. शनिवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बजट पर अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया. करीब पौने तीन घंटे के भाषण में निर्मला ने कई नई योजनाओं का ऐलान किया. उन्होंने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की बात कही. बजट पर क्या कुछ खास रहा. पेश किए गए केंद्रीय बजट पर चर्चा करते हुए ईटीवी भारत पटना के ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने एक्सर्ट की राय जानी.
पटना स्टूडियो में आम बजट पर चली खास चर्चा में प्रवीण बागी के साथ मौजूद रहे पॉलिटिकल एक्टिविस्ट और साहित्यकार प्रेम कुमार मणि और एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रध्यापक प्रोफेसर अजय कुमार झा. दोनों ने बजट 2020-21 पर अपनी -अपनी राय रखी.
जनता को मुर्ख बनाया गया- प्रेम कुमार
प्रवीण बागी ने सबसे पहला सवाल प्रेम कुमार मणि से किया कि पहली नजर में वो बजट को किस तरह से देखते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'जनता को मुर्ख बनाया गया है'. अपनी कथनी के पीछे का तथ्य देते हुए प्रेम कुमार मणि ने कहा कि देखने में बड़ी-बड़ी बाते हैं और कुछ है नहीं. उन्होंने कहा कि टैक्स में पुराना और नया दोनों सिस्टम को जोड़ दिया गया है. ऐसे में चुनने की शर्त है. ऐसे में पेंशन होल्डर वालों के लिए ये बजट तो ठीक है. बुजुर्गों को छूट देकर आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं? एक शब्द में सिर्फ इतना कहूंगा कि ये निराशाजनक बजट है.
कई वजहों से बजट बहुत अच्छा- प्रोफेसर झा
वहीं, स्टूडियो में मौजूद प्रोफेसर अजय कुमार झा ने कहा कि उनके नजरिये से ये बजट बहुत अच्छा है. इसके पीछे की कई वजह हैं. उन्होंने कहा कि इकोनॉमिक की बात करें, तो आज की स्थिति क्या है. हमें कैसे आगे जाना है. कितना रेवेन्यू हैं. कितना आगे ले जाना है. इसको देखकर बजट तैयार किया गया है. बजट को समझने की जरूरत है. ये एक भविष्यात्मक बजट है. सरकार की अपनी सीमा है. सरकार एक परिवार के लिए बजट नहीं बनाती, ये तो पूरे देश के लिए पेश किया गया बजट है. सरकार के लिए देश ही परिवार है.
प्रोफेसर झा ने कहा कि सरकार कहां से पैसे लाएगी, कहां लगाएगी. इसको लेकर लंबी रेस है. इसलिए परिणाम एक साल में नहीं आएगा. इकोनॉमिक की बात करें इसके लिए सरकार ने काम कर रही है. लंबी अवधी से सरकार इसपर काम कर रही है. इनकम टैक्स वाले मसले पर सरकार ध्यान रखना चाहिए. सरकार को पैसे चाहिए, इसके क्या सोर्स हैं. वो कई हैं. हां इस बजट में मिडिल क्लास को ध्यान में रखा गया है.
प्रवीण बागी- किसानों की आय होगी दोगुनी?
ये सवाल जब प्रेम मणि से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो विकास हो रहे हैं उसका लाभ किसानों को मिल ही रहा है. किसान लभान्वित हुए हैं. इससे इंकार नहीं किया जा सकता. मिडिल क्लास की बात करें तो वो हमारी सोसाएटी का केंद्रक होता है. प्रो झा की बात पर प्रेम मणि ने कहा कि हां बजट को समझने में टाइम लगेगा. हम कई मामलों पर बजट में नजर बनाए हैं. कई की प्रशंसा हम भी करते हैं. लेकिन गांव से जो लोग आ रहे हैं उनको मिडिल क्लास बनाने में क्या प्रयास हो रहे हैं. उनका शहरीकरण नहीं हुआ. शहरों का विस्तार नहीं हो रहा है. इसके लिए बजट में कुछ नहीं किया गया. इसलिए मैं बार-बार कह रहा हूं कि बजट में कुछ खास नहीं है.
'शिक्षा-स्वास्थ्य और रोजगार का कोई बखान नहीं'
प्रेम मणि ने कहा कि पेश बजट में चर्चा मात्र ही है कि शिक्षा-स्वास्थ्य और रोजगार पर बात की गई. लेकिन कहीं भी इसपर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. वहीं, अर्थव्यवस्था के सवाल पर प्रोफेसर झा ने कहा कि जीडीपी अपने आप में बहुत बड़ा फिगर होता है. हम 10 तक आ गए था. हां अभी हम जहां हैं तो ये चिंताजनक है. इसके पीछे का कारण रिनोवेशन है. अब देश में डिजिटलाइजेशन हो रहा है. ऐसे में अच्छे और बुरे दोनों परिणाम सामने आ रहे हैं.