पटना:चार महीने पहले रोजगार की तलाश में दो युवक पटना जंक्शन से बेंगलुरु के लिए इस उम्मीद के साथ रवाना हुए थे कि वहां कुछ काम करेंगे और पैसे कमाएंगे. लेकिन चार महीने बाद इन दोनों युवकों राहुल और शिबू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि दोनों साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के धंधे से जुड़ गए और देखते ही देखते इन्होंने दर्जनों अकाउंट खोल उस पर लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन शुरू कर दिया.
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शनिवार को पुलिस बैंकों की पेट्रोलिंग कर रही थी. इसी दौरान इन दोनों पर पुलिस को शक हुआ. पत्रकार नगर थाना (Patrakar Nagar Police Station) क्षेत्र इलाके में स्थित आईसीआईसीआई बैंक से पुलिस ने राहुल और शिबू को धर दबोचा. पुलिस ने जैसे ही इन दोनों साइबर फ्रॉड को पकड़ा दोनों ने अपने अपने मोबाइल के सिम को अपने मुंह में डाल लिया. पुलिस ने इनके मुंह से सिम कार्ड निकालने की काफी कोशिश की लेकिन दोनों साइबर फ्रॉड अपने मोबाइल में लगे सिम को चने की तरह चबा गए. इस सिम कार्ड से पुलिस को इनके आका से जुड़ी और इनके धंधे की पूरी जानकारी के साथ ही इसमें संलिप्त लोगों की इंफोर्मेशन भी मिल सकती थी.
"मेरा अकाउंड सोनू ही खुलवाता था. सोनू शेखपुरा का है. मेरा 5-6 अकाउंट है."- राहुल ,साइबर अपराधी
"मेरा भी 6-7 अकाउंट है. हमलोग को बोलता था कि इतना इतना पैसा देगें इतना इतना अकाउंट खुलवाना है. 15 से 20 हजार रुपया हमें मिलता था. अकाउंट खोलने के बाद मेरा एटीएम सोनू ले लेता था और पैसा निकालता था. सोनू ही फर्जी डॉक्यूमेंट भी बनवाया था."- शिबू ,साइबर अपराधी
रोजगार की तलाश में 4 महीने पहले राहुल और शिबू राजधानी पटना से ट्रेन के जरिए निकले थे और इसी दौरान बेंगलुरु जाने वाली ट्रेन में ही उनकी मुलाकात सोनू नाम के युवक से हुई. उसने राहुल और शिबू को बेंगलुरु ना जाकर राजधानी पटना में ही अच्छी खासी रकम कमा लेने का प्रलोभन दिया. उसके बाद राहुल और शिबू, सोनू के साथ वापस पटना लौट आए.
लगातार पिछले 4 महीने से पटना के अलग-अलग बैंकों में फर्जी दस्तावेजों के जरिए इन दोनों ने दर्जनों अकाउंट खोले थे और इसके एवज में सोनू इन्हें 15 से 20 हजार रुपये प्रति माह देता था. सोनू ने साइबर फ्रॉड के जरिए राहुल और शिबू के कई अकाउंट पर पिछले 4 महीने में लाखों रुपए के ट्रांजैक्शन किये थे.