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चोरों को पसंद है पटना ? 1 साल में 6806 चोरियां, दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर - crime graph of bihar

बिहार में चोरों के हौसले बुलंद हैं. हर रोज चोरी की वारदातें सामने आ रही हैं. ऐसे में स्टेट क्राइम ब्यूरो के जारी आंकड़ों ने सभी को चौंका दिया है. चोरी की सबसे ज्यादा वारदातें राजधानी पटना में हुई हैं. पढ़ें पूरी खबर...

क्राइम रिपोर्ट
क्राइम रिपोर्ट

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Published : Dec 6, 2020, 5:10 PM IST

पटना: राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में चोरी का ग्राफ काफी तेजी के साथ बढ़ा है. हम बात करें स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी वर्ष 2019 के आंकड़े की, तो ये चौंकाने वाले हैं. स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) ने चोरी के मामले में राजधानी पटना को पहले पायदान पर रखा है. पटना में 1 साल में चोरी की कुल 6 हजार 806 घटनाएं घटित हुई हैं. इन घटनाओं में 31.9515 करोड़ रुपए की चोरी हुई है.

स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ो के मुताबिक मुजफ्फरपुर दूसरे नंबर पर है. यहां कुल 2 हजार 569 चोरी की वारदातें हुई हैं. चोरों ने कुल 3.38 करोड़ के माल पर हाथ साफ किया है. चोरी के मामलों में वाहन चोरी और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स चोरी मामले में भी पटना पहले स्थान पर रहा. स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2019 के जारी आंकड़े में साफ बताया गया है कि राज्य के अन्य जिलों की तुलना में पटना में सबसे अधिक वाहन चोरी की घटनाएं होती हैं.

पटना से नीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट

वाहन चोरों से डरते हैं लोग
एससीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि विगत वर्ष राजधानी पटना में कुल 4 हजार 853 वाहनों की चोरी हुई है, जिनका मूल्य 34 करोड़ 54 लाख 15 हजार रुपये रखा गया है. इनमें 1 हजार 810 वाहनों की चोरी मुजफ्फरपुर इलाके में की गई है, तो वही सबसे कम वाहनों की चोरी जमुई जिले में हुई है. राजधानी पटना के लोग कहते हैं कि हालात यह है कि सड़कों पर अपनी बाइक और कार खड़ी करने से पहले उन्हें 10 बार सोचना पड़ता है. उन्हें डर सताता है कि कहीं उनका वाहन भी चोरी ना हो जाए. पटना के लोग कहते हैं कि शादी-ब्याह के इस मौसम में कहीं आने जाने से भी अब डर लगता है. वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि बिहार में जारी शराबबंदी के बाद युवाओं को गांजे और अन्य मादक पदार्थ की लगी लत के कारण ही शहर में चोरी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है.

चोरी के बाद बिखरा पड़ा सामान

सीएम के गृह जिले में वारदातें
सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की बात करें तो जिले में सबसे अधिक एंटीक सामानों की चोरियां हुई हैं. सालभर में एक भी एंटीक पीस की पुलिस ने बरामदगी नहीं की है. वहीं, अरवल जिले में कुल 24 एंटीक सामानों की चोरियां हुई हैं, इनमें से 2 मामलों में पुलिस ने कुछ सामानों की बरामदगी भी की है, तो वही वैशाली में चार एंटीक सामानों की चोरी हुई. कटिहार में दो एंटीक पीस की चोरी हुई है.

अगर हम जानवरों की चोरी की बात करें, तो जानवर चोरी मामले में सीवान सबसे आगे रहा है. इस जिले में कुल 96 जानवरों की चोरियां हुई, जिनकी कीमत 24 लाख आंकी गई है. तो वहीं भभुआ में 51 जानवरों को चोर चुरा ले गए, जिनकी कीमत 1 लाख 90 हजार आंकी गई है.

चोरी के बाद बिखरा पड़ा सामान

पटना में चोरी की वारदातें
पटना में 1 साल के अंदर 173 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की चोरी हुई है. जिनकी कीमत 9 लाख 10 हजार रुपए आंकी गयी है. जांच के दौरान पुलिस ने 25 गैजेट्स बरामद किए, जिसका बाजार मूल्य 25 हजार रुपये बताया गया है. कैश और ज्वेलरी चोरी मामले की तरफ नजर दौड़ाए तो राजधानी पटना में इस तरह के कुल 3 हजार 78 मामले सामने आए हैं, जिनमें 6 करोड़ 15 लाख 6 हजार रुपये के गहने और कैश की चोरियां हुई हैं, इनमें से पुलिस ने 210 मामलों का उद्भेदन भी किया है.

जिला चोरी की वारदातें
पटना 6896
मुजफ्फरपुर 2566
वैशाली 1653
सारण 1414
गया 1544

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वाहन चोरी के आंकड़े

जिला वाहन चोरी की वारदात
पटना 4853
मुजफ्फरपुर 1810
वैशाली 1199
गया 1168
सारण 1017
सीवान 757

हालांकि, राजधानी पटना सहित अन्य जिलों में बड़ी चोरी की घटनाओं के मामले पर बोलते हुए पटना आईजी संजय कुमार कहते हैं कि चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए रात को पैदल गश्त और साइकिल से पुलिसकर्मियों को गश्त लगाने के आदेश जारी किए गए हैं. इसके साथ ही आम लोगों से भी आईजी ने अपील की है कि अगर वह लंबे समय तक अपने घर को बंद कर कहीं जा रहे हैं, तो इसकी सूचना स्थानीय थाने को जरूर दें. ताकि पुलिस की नजर उनके घर पर बनी रहे.

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