पटना: राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में चोरी का ग्राफ काफी तेजी के साथ बढ़ा है. हम बात करें स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी वर्ष 2019 के आंकड़े की, तो ये चौंकाने वाले हैं. स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) ने चोरी के मामले में राजधानी पटना को पहले पायदान पर रखा है. पटना में 1 साल में चोरी की कुल 6 हजार 806 घटनाएं घटित हुई हैं. इन घटनाओं में 31.9515 करोड़ रुपए की चोरी हुई है.
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ो के मुताबिक मुजफ्फरपुर दूसरे नंबर पर है. यहां कुल 2 हजार 569 चोरी की वारदातें हुई हैं. चोरों ने कुल 3.38 करोड़ के माल पर हाथ साफ किया है. चोरी के मामलों में वाहन चोरी और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स चोरी मामले में भी पटना पहले स्थान पर रहा. स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2019 के जारी आंकड़े में साफ बताया गया है कि राज्य के अन्य जिलों की तुलना में पटना में सबसे अधिक वाहन चोरी की घटनाएं होती हैं.
वाहन चोरों से डरते हैं लोग
एससीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि विगत वर्ष राजधानी पटना में कुल 4 हजार 853 वाहनों की चोरी हुई है, जिनका मूल्य 34 करोड़ 54 लाख 15 हजार रुपये रखा गया है. इनमें 1 हजार 810 वाहनों की चोरी मुजफ्फरपुर इलाके में की गई है, तो वही सबसे कम वाहनों की चोरी जमुई जिले में हुई है. राजधानी पटना के लोग कहते हैं कि हालात यह है कि सड़कों पर अपनी बाइक और कार खड़ी करने से पहले उन्हें 10 बार सोचना पड़ता है. उन्हें डर सताता है कि कहीं उनका वाहन भी चोरी ना हो जाए. पटना के लोग कहते हैं कि शादी-ब्याह के इस मौसम में कहीं आने जाने से भी अब डर लगता है. वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि बिहार में जारी शराबबंदी के बाद युवाओं को गांजे और अन्य मादक पदार्थ की लगी लत के कारण ही शहर में चोरी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है.
सीएम के गृह जिले में वारदातें
सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की बात करें तो जिले में सबसे अधिक एंटीक सामानों की चोरियां हुई हैं. सालभर में एक भी एंटीक पीस की पुलिस ने बरामदगी नहीं की है. वहीं, अरवल जिले में कुल 24 एंटीक सामानों की चोरियां हुई हैं, इनमें से 2 मामलों में पुलिस ने कुछ सामानों की बरामदगी भी की है, तो वही वैशाली में चार एंटीक सामानों की चोरी हुई. कटिहार में दो एंटीक पीस की चोरी हुई है.