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म्यूटेशन से और खतरनाक बनकर लौटा कोरोना वायरस, संक्रामकता अधिक होने से बढ़ी मुसीबत

बिहार में कोरोना वायरस के दूसरे लहर के चलते रोज चार हजार से अधिक मरीज मिल रहे हैं. पहले लहर की तुलना में दूसरे लहर में मौतें अधिक हो रहीं हैं. चिकित्सा विशेज्ञषों का कहना है कि म्यूटेशन के चलते कोरोना वायरस अधिक खतरनाक बनकर लौटा है.

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Published : Apr 15, 2021, 7:29 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 9:01 AM IST

पटना: दूसरे लहर में कोरोना वायरस का संक्रमण बिहार में तेजी से फैल रहा है. रोज 4 हजार से अधिक मरीज मिल रहे हैं. पिछले साल आई पहली लहर में कोरोना वायरस की इतनी अधिक संक्रामकता नहीं थी. चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरे लहर में कोरोना वायरस म्यूटेशन के चलते और अधिक ताकतवर बनकर लौटा है. वायरस की संक्रामता बढ़ी है, जिसके चलते यह तेजी से फैल रहा है.

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ज्यादा खतरनाक हो गया है कोरोना वायरस
"कोरोना वायरस का दूसरा वेब बहुत ही खतरनाक है. म्यूटेशन के चलते वायरस का रूप बदला है. यह ज्यादा खतरनाक है और ज्यादा तेजी से फैल रहा है."- डॉक्टर सुनील सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक

"कोरोना वायरस के बदले रूप के कारण इस बार मृत्यु दर भी बहुत ज्यादा है. सरकार को इसलिए 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने पर विचार करना चाहिए. अभी 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है. टीका और मास्क ही लोगों को कोरोना से बचा सकता है."- डॉ अजय कुमार, अध्यक्ष, आईएमए बिहार

देखें रिपोर्ट

क्या है म्यूटेशन?
म्यूटेशन जेनेटिक मैटेरियल(डीएनए या आरएनए) में बदलाव है. म्यूटेशन द्वारा वायरस लगातार खुद को बदले रहते हैं. इसके चलते वायरस के नए वेरिएंट सामने आते हैं. म्यूटेशन जीवों में डीएनए रेप्लिकेशन (एक डीएनए से दो डीएनए बनना) के समय होता है. वायरस का जेनेटिक मैटेरियल डीएनए या आरएनए दोनों में से कोई एक हो सकता है. कोरोना वायरस का जेनेटिक मैटेरियल आरएनए है. इसमें म्यूटेशन आरएनए रेप्लिकेशन के समय होता है.

बढ़ गई सरकार की मुश्किलें
मंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव, वित्त सचिव, प्रधान सचिव और अपर मुख्य सचिव के कोरोना पॉजिटिव होने से सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. कोरोना संक्रमण के आंकड़े के साथ ही मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है.

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सर्वदलीय बैठक के बाद हो सकता है बड़ा फैसला
सरकार की तरफ से लगातार कहा जाता रहा है कि लॉकडाउन की स्थिति अभी नहीं है, लेकिन जिस तरह से स्थिति बिगड़ रही है जल्द ही लॉकडाउन को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है. 17 अप्रैल को राज्यपाल के सर्वदलीय बैठक के बाद यह फैसला हो सकता है.

"17 अप्रैल को राज्यपाल फागू चौहान के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक होने वाली है ताकि सभी लोगों को कोरोना संक्रमण के चलते जो स्थिति बनी है उसकी जानकारी दी जा सके. आगे और क्या किया जाना है इसके बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

"लॉकडाउन से गरीबों की मुश्किलें बढ़ती हैं, लेकिन इसी तरह संक्रमण बढ़ता रहा तो सरकार के पास लॉकडाउन के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं रह जाएगा."- महेश्वर हजारी, उपाध्यक्ष, विधानसभा

कोरोना संक्रमित हुए प्रमुख लोग

  1. समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी
  2. मुख्य सचिव अरुण सिंह
  3. गृह विभाग के प्रमुख सचिव चैतन्य प्रसाद
  4. वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ
  5. बिहार संग्रहालय के निदेशक आईएएस दीपक आनंद

बिहार सरकार के बड़े फैसले

  • 18 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थान बंद
  • 30 अप्रैल तक सभी दुकानें 7 बजे शाम तक ही खुलेंगी
  • 30 अप्रैल तक सभी धार्मिक संस्थान बंद रहेंगे

दूसरे वेब में कोरोना तोड़ रहा रिकॉर्ड
बिहार में प्रतिदिन 4000 से अधिक कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. 13 अप्रैल को 4157 कोरोना संक्रमित मिले थे तो 14 अप्रैल को 4786 कोरोना संक्रमित मिले हैं. राजधानी पटना हॉटस्पॉट बना हुआ है. पटना एम्स से लेकर पीएमसीएच, एनएमसीएच और अन्य अस्पतालों में कोरोना मरीज बड़ी संख्या में भर्ती हैं.

सरकार ने कई निजी अस्पतालों में भी कोरोना के मरीजों की इलाज की व्यवस्था करवाई है. इसके बावजूद ऑक्सीजन से लेकर दवा तक मरीजों को मुश्किल से मिल रहा है. 1 सप्ताह से हर दिन औसतन 7 लोगों की मौत कोरोना से हो रही थी, लेकिन बुधवार को सबसे अधिक 21 लोगों की मौत हुई है. 31 मार्च तक मौत का आंकड़ा 1576 तक था जो 14 अप्रैल तक बढ़कर 1651 हो गया है.

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Last Updated : Apr 16, 2021, 9:01 AM IST

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