पटनाःबिहार में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus Infection) के नए मामले और इससे मरने वालों की संख्या में जहां लगातार कमी आ रही है, वहीं ब्लैक फंगस (Black Fungus) काफी तेजी से अपना पैर पसार रहा है. फंगस का इलाज कर रहे अस्पतालों में जरूरी दवाओं की कमी ने चिंता बढ़ा दी है.
24 घंटे में कोरोना के 762 मामले, 43 मौत
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus Infection) के कारण पिछले 24 घंटे में 43 और लोगों की मौत होने से राज्य में महामारी से मरने वालों की कुल संख्या 5,424 हो गई है. इसके साथ राज्य में संक्रमण के 762 नए मामले सामने आने के बाद इस रोग से अब तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 7,13,879 हो गयी है. इनमें से सबसे अधिक राजधानी पटना से 66 नए मामले सामने आए हैं.
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अब तक 7,13,879 लोग हुए कोरोना संक्रमित
पिछले साल कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की शुरुआत के बाद से अब तक बिहार में संक्रमित होने वालों की कुल संख्या 7,13,879 हो गयी है जिनमें से 700224 मरीज ठीक हो चुके हैं. बीते 24 घंटे में 1,196 मरीज ठीक हुए हैं. बता दें कि बिहार में कोरोना के अभी 8,230 एक्टिव मरीज हैं. कोविड मरीजों के ठीक होने की दर 98.09 प्रतिशत है.
ब्लैक फंगस से 400 से अधिक लोग शिकार
बिहार में अभी के समय ब्लैक फंगस के कितने मरीज हैं और कितने रिकवर हो चुके हैं और कितनों की मौत हो चुकी है, इसकी जानकारी सरकार ने नहीं दी है. बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक बिहार में ब्लैक फंगस के 400 से अधिक मरीज मिल चुके हैं और 40 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत भी हो चुकी है. सरकार ब्लैक फंगस के लिए अस्पतालों में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की बात कह रही है.
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ब्लैक फंगस के जरुरी दवाओं की कमी
ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग की जाने वाली इंजेक्शन लाइपोसोमल एंफोटेरेसिन बी की कमी हो गई है. राजधानी पटना में लाइपोसोमल एंफोटेरेसिन बी इंजेक्शन का स्टॉक ड्राई हो गया है. स्टॉक में 500 वायल ही बचा हुआ था. जिसे शनिवार के दिन सीएस ऑफिस और तीन अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया. इसके बाद स्टॉक पूरी तरह से खाली हो गई है.
क्षमता से अधिक मरीज एडमिट
पटना के चार बड़े मेडिकल कॉलेजों की बात करें तो पटना एम्स और आईजीआईएमएस में ही ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सर्जरी की सुविधा है और पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसे संस्थानों में सिर्फ दवाओं पर ब्लैक फंगस के मरीज को स्टेबल रखा गया है. पटना एम्स में 97 मरीज और आईजीआईएमएस में 124 ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है और यहां क्षमता से अधिक मरीज एडमिट है.
दूसरी लहर में बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामले
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से ब्लैक फंगस के मरीज बढ़े हैं और ब्लैक फंगस में यह देखने को मिला है कि जब मरीज के आंखों की रोशनी कम होने लगती है, तब मरीज अस्पताल पहुंचता है और ऐसे समय में मरीज को सर्जरी की आवश्यकता होती है. लेकिन, राजधानी पटना के सरकारी संस्थानों में सिर्फ आईजीआईएमएस और एम्स में ही सर्जरी हो रही है और यहां क्षमता से अधिक मरीज एडमिट है.