पटना: देश भर में बढ़ते कोरोना वायरस के कारण लोगों में भय का माहौल है. महाराष्ट्र में जिस तरह से करोना वायरस ने पांव पसारा है, उससे काफी लोग संक्रमित हो गए हैं. महाराष्ट्र में बिहार से भारी संख्या में मजदूर जाते हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण वहां के हालात बदल चुके हैं. सरकार के आदेश के बाद वहां कल-कारखानों को बंद कर दिया गया है. इस स्थिति में महाराष्ट्र से लौटकर लोग बिहार वापस आ रहे हैं.
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भारी संख्या में लौट रहे मजदूर
पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर गुरुवार को गुवाहाटी लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से सैकड़ों मजदूर उतरे. बिहार में भी कोरोना संक्रमण का खतरा काफी बड़े पैमाने पर बढ़ चुका है. खासकर पटना में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा रोजाना हजारों में आने लगा है. ऐसे में श्रमिकों ने बताया कि वहां कल-कारखाने बंद हो गए हैं. रोजी-रोजगार के साधन छीन गये हैं. जिस कारण से वह अपने घर लौट रहे हैं.
भारी संख्या में लौट रहे मजदूर "वहां पर मजदूरी का काम करते हैं और वहां लॉकडाउन लग गया है. जिस कारण से उनको अपने घर आना पड़ रहा है. घर पर जो रोजगार मिलेगा, उसको करेंगे और अपने घर पर ही गुजर बसर करेंगे. वहां भी कल-कारखाने बंद ही हो गए थे, तो बेकार बैठने से अच्छा है कि अपने घर पर आकर बैठेंगे. अगर कुछ रोजगार सरकार यहां मुहैया कराएगी तो. करेंगे और अपने घर-परिवार को भी चलाएंगे"- नरेश, यात्री
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"मुंबई में लॉकडाउन लग गया है. रोजगार का कोई साधन नहीं रहा. मुंबई में रहने पर रूम किराया से लेकर अपना खर्चा तक चलाने में काफी दिक्कत हो रही थी. पैसे खत्म हो गये हैं, इस कारण से वह अपने घर लौट रहे हैं. जांच वहां भी नहीं हुई थी और जांच पटना जंक्शन पर भी नहीं हुई है. कई यात्रियों की जांच होती है तो, कई यात्रियों की जांच नहीं होती है. कई यात्री जांच के डर से दूसरे गेट से भी भाग जाते हैं"- आशिफ, यात्री
मजदूरों की नहीं हो रही जांच
बिहार में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा जिस तरह से बढ़ रहा है, वह प्रशासन के लिए चिंता का विषय है. राज्य सरकार द्वारा दूसरे राज्य से आने वाले लोगों को रेलवे स्टेशन पर जांच करने के बाद ही उन्हें उनके घर भेजने की व्यवस्था की गई है. लेकिन पटना जंक्शन पर आने वाले महाराष्ट्र के मजदूरों की जांच की व्यवस्था सिर्फ दिखाने के लिए ही की गई है.
"मुंबई में लॉकडाउन लग गया है. कल-कारखाने बंद कर दिए गए हैं और हम लोगों का रोजगार खत्म हो गया. ऐसे में वहां पर बैठने से अच्छा है कि अपने घर पर ही आकर सुरक्षित रहा जाए. सरकार को हम श्रमिक मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए. जिससे बिहार में ही रह कर रोजगार करें और अपने घर-परिवार का पेट पाल सकें"-अमरेश, यात्री संक्रमण बढ़ने का खतरा
महाराष्ट्र से आने वाले मजदूर जब पटना जंक्शन पहुंच रहे हैं तो, उन्हें जांच किए बगैर ही जाने की अनुमति दी जा रही है. पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 पर दिखावे के लिए जांच सेंटर बनाया गया है. लेकिन जांच सेंटर पर कुछ लोगों की ही जांच की जी रही है. अगर लोग दूसरे रास्ते का उपयोग कर बिना जांच कराए रेलवे स्टेशन से बाहर निकलना चाह रहे हैं तो, उन्हें कोई देखने वाला नहीं है. ना उन्हें कोई रोक रहा है. ऐसे में बिहार में संक्रमण का खतरा बढ़ने की स्थिति उत्पन्न और ज्यादा हो रही है.
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रेलवे और राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण बिहार आये मजदूरों की जांच सही से नहीं की जा रही है. जिस कारण से बिहार में संक्रमण का खतरा और बढ़ने की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है.