पटना: 2024 तक पटना वासियों को मेट्रो की सवारी कराने को लेकर पटना मेट्रो रेल परियोजना दिल्ली मेट्रो कारपोरेशन के माध्यम से लगातार कार्य किए जा रहा था. लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से इस परियोजना पर भी असर दिखने लगा है. अधिकतर कर्मचारी संक्रमण के कारण या तो छुट्टी पर चले गए या फिर संक्रमित होकर होम आइसोलेशन में हैं.
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खटाई में पड़ी सरकारी परियोजना
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर हर किसी को अपनी आगोश में ले रही है. ऐसे में मेट्रो परियोजना में काम कर रहे कर्मी भी काम करने नहीं आ रहे हैं. संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन में सरकारी परियोजना के काम पर भी असर दिख रहा है.
परियोजना के काम पर लगा ब्रेक परियोजना की रफ्तार पर लगा ब्रेक
पटना मेट्रो परियोजना को दो चरणों में काम पूरा करना है. पहले चरण में दानापुर से पटना जंक्शन तो दूसरे चरण में पटना जंक्शन से नया बस स्टैंड तक काम करना है. दूसरे चरण की परियोजना पर काम चल रहा है, नया बस स्टैंड के तरफ से इन परियोजनाओं को लेकर पिछले दिनों काम में तेजी आई थी. लेकिन संक्रमण की दूसरी लहर ने काम को धीमा कर दिया है.
संक्रमण की चपेट में कर्मी
संक्रमण की चपेट में आम हो या खास सभी आना शुरू कर दिए. जिसके बाद सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया. ऐसे में इस परियोजना पर भी ग्रहण लगते हुए दिख रहा है, क्योंकि अभी संक्रमण का प्रकोप लगातार जारी है. मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसकी वजह से कर्मी काम करने नहीं आ रहे हैं.
कॉरिडोर टू पर चल रहा कार्य
बता दें कि मेट्रो के कॉरिडोर-2 के निर्माण के लिए डीएमआरसीएल की ओर से काम किया जा रहा है. डीएमआरसीएल ने राजेंद्र नगर में अंडरग्राउंड रैप के निर्माण के अलावा राजेंद्र नगर, मोइनुल हक स्टेडियम, पटना यूनिवर्सिटी, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी के बाईपास अंडर पास मेट्रो स्टेशन निर्माण को लेकर कार्य करना है.
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प्रोजेक्ट की लागत 1951 करोड़
इस प्रोजेक्ट की लागत 1951 करोड़ रुपए है. इस प्रोजेक्ट को 42 महीने में पूरा किया जाना है. मलाही पकड़ी के लिए आईएसबीटी तक लाइन निर्माण के लिए पहले से टेंडर फाइल किया जा चुका है. वही काम चल रहा है.
कोरोना की दूसरी लहर का असर
बता दें कि 17 फरवरी 2019 को पीएम मोदी ने पटना मेट्रो का शिलान्यास किया था. जिसके बाद रूट और बजट को लेकर विभाग द्वारा मिली सहमति के बाद काम की गति तेज हुई. लेकिन 2020 में कोरोना संक्रमण की पहली लहर की वजह से काम की रफ्तार में थोड़ी धीमी हुई है. अगस्त 2020 माह में काम की रफ्तार में थोड़ी तेजी आई थी, लेकिन 2021 के मार्च महीने में संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से आम लोग काफी परेशान होते हुए दिखे.