पटनाः बिहार सरकार कोरोना से बचाव और राहत को लेकर पूरे देश में सबसे बेहतर प्रबंधन करने का दावा कर रही है. लेकिन राज्य में आम जनता से लेकर नेता और वीआईपी भी इसकी चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण से सरकार के बेहतर प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
तेजी से अपने पांव पसार रहा कोरोना
मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, सचिवालय, मंत्री, अधिकारी, डॉक्टर, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी और आम जनता तक कोरोना तेजी से अपने पांव पसार रहा है. नीतीश सरकार की ओर से लगातार दावा किया जाता रहा है कि कोरोना से बचाव और राहत के लिए पूरे देश में सबसे बेहतर काम किया गया है. सत्ताधारी दल की ओर से भी लगातार कई कामों को गिनाया जाता रहा है.
क्या कहती है रिपोर्ट
बता दें कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद रिकवरी रेट (संक्रमण मुक्त होने की दर) में कमी दर्ज की जा रही है. बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या जहां बुधवार को 20,173 तक पहुंच गई है, वहीं इलाज के बाद संक्रमण-मुक्त होने वालों की संख्या 13,533 है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार दिनों से बिहार में 1000 से ज्यादा लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो रही है. आंकड़ों पर गौर करें तो बुधवार को राज्य में 1,320 नए मरीज मिले हैं, जबकि पिछले 24 घंटे में 514 लोग संक्रमण-मुक्त होकर अपने घर लौट गए. बुधवार को राज्य में रिकवरी रेट 67.08 प्रतिशत रहा.
रिकवरी रेट में बदलाव
इसके एक दिन पूर्व यानी 14 जुलाई को राज्य में 1,432 नए मरीज मिले थे, जबकि रिकवरी रेट 69.06 तथा 13 जुलाई को रिकवरी रेट 70.97 फीसदी था. इसी तरह 12 जुलाई को राज्य में 1266 नए मामले सामने आए थे, जबकि उस दिन रिकवरी रेट 73.31 प्रतिशत था.
इतने लोगों की हो रही है जांच
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में कोरोना जांच की संख्या में लगातार वृद्धि की जा रही है. राज्य में अब प्रतिदिन 10 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना की जांच की जा रही है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जांच की संख्या अधिक होने के कारण प्रतिदिन संक्रमित मिलने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है. यही कारण है कि रिकवरी रेट में गिरावट दर्ज की जा रही है.
सरकार की तरफ से गिनाए गए कामः
1. कोरोना संक्रमण से निपटने और लॉकडाउन पीरियड में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 8,538 करोड़ से अधिक राशि की गई खर्च
2. 21 लाख से अधिक श्रमिकों को 15 सौ से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाकर बिहार लाया गया और उन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखा गया. साथ ही सबको 1000 की सहायता राशि दी गई
3. प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए की गई 4500 से अधिक बसों की व्यवस्था
4. क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले लाखों लोगों पर सरकार के प्रति व्यक्ति खर्च हुए 5300 रुपये
5. 84 लाख 76 हजार से अधिक पेंशन धारियों के खाते में 3 महीने की अग्रिम पेंशन डीबीटी के माध्यम से 1017 करोड़ रुपए अंतरित की गई
6. शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत छात्र छात्राओं के खाते में 3261 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की गई