पटना:बिहार के हजारों नियोजित शिक्षक और लाइब्रेरियन लंबे समय से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं. पिछले साल जब उनकी सेवा शर्तें लागू हुईं तो शिक्षकों की उम्मीदें बढ़ गई. अब करीब एक साल बीतने को है, और शिक्षक पूछ रहे हैं कि आखिर उनका ट्रांसफर कब होगा.
2020 में लागू की गई थी सेवा शर्त
दरअसल, लंबे अंतराल के बाद वर्ष 2020 में शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्तें लागू की थीं. जिसके बाद महिला शिक्षकों और दिव्यांग शिक्षकों को यह उम्मीद जगी थी कि उनका तबादला अब उनके घर के आस-पास होगा. सूबे में ऐसे शिक्षक और लाइब्रेरियन हजारों की संख्या में हैं जो कम से कम 10-15 साल से ऐच्छिक तबादले का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन सेवा शर्त नियमावली लागू होने के बाद भी 1 साल बीत गए हैं, लेकिन अब तक शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित ट्रांसफर पॉलिसी को सरकार ने लागू नहीं किया है.
ऑनलाइन आवेदन के जरिये होगा ट्रांसफर
हालांकि, इस बारे में शिक्षा विभाग की तरफ से पिछले करीब 6 महीने से हर बार यह खबर आती है कि अगले महीने इस प्रक्रिया की शुरुआत होगी. मिली जानकारी के अनुसार, यह प्रक्रिया ऑनलाइन होने वाली है. जिसके लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे. उसके बाद तय सिस्टम के तहत महिला शिक्षक और दिव्यांग शिक्षक का अंतर जिला और अंतर नियोजन इकाई तबादला होगा, जबकि पुरुष शिक्षकों का म्यूच्यूअल ट्रांसफर होगा.
बिना देर किये प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए
इस बारे में प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि लंबे समय से हजारों महिलाएं और दिव्यांग शिक्षक अपने घर के आस-पास के स्कूल में ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को अब बिना देर किए लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लेकर तुरंत इस प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए. ताकि कोरोना महामारी के वक्त महिलाओं और दिव्यांग शिक्षकों को राहत मिल सके.
'सेवा शर्त नियमावली के प्रावधानों को शिक्षा विभाग को तुरंत लागू करना चाहिए. विशेष रूप से महिलाएं और दिव्यांग शिक्षक वर्षों से अपने तबादले का इंतजार कर रहे हैं. जब सब कुछ ऑनलाइन होना है, तो फिर इसमें देरी क्यों. शिक्षा विभाग को अति शीघ्र इस प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए'.- ए.के. तिवारी, शिक्षक