पटनाः अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में एनडीए और महागठबंधन के तमाम दल अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हैं. हालांकि दोनों गठबंधन में सीएम फेस को लेकर रस्साकस्सी चल रही है. महागठबंधन में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने 1 सीएम और 2 डिप्टी सीएम अलग-अलग समाज से महागठबंधन की सरकार में नियुक्त करने की मांग की थी, जिससे गठबंधन के नेता असमंजस में हैं. हालांकि मांझी के बयान का खुलकर कोई विरोध भी नहीं कर पा रहा है.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी को लेकर एनडीए और महागठबंधन में अभी भी माथापच्ची जारी है. लेकिन महागठबंधन के सबसे अनुभवी नेता और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बयान से सहयोगी नेताओं के माथे पर शिकन आ रहा है. मांझी की मांग पर राजद कुछ भी बोलने से बचती दिख रही है.
मांझी ने तेजस्वी को सीएम बनाने का लिया है प्रण
राजद विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि जीतन राम मांझी महागठबंधन में सबसे प्रमुख नेता है. उन्होंने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का प्रण लिया है. मांझी कह चुके हैं कि जब तक तेजस्वी को सीएम नहीं बनायेंगे, राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे. महागठबंधन में उपमुख्यमंत्री के सवाल पर राजद नेता ने कहा कि सभी दल के नेता इस पर बैठ कर फैसला लेंगे. महागठबंधन की सरकार बनने पर मांझी, तेजस्वी, कुशवाहा आपस में बैठकर इन मुद्दों पर इस पर फैसला करेंगे.
2 की जगह हो सकते हैं 4 डिप्टी सीएम
वहीं, जीतन राम मांझी के इस बयान के पर कांग्रेस ने नरम रुख अपनाया है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस बात पर हांमी भरी है. लेकिन फिलहाल मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री का बनाने का सवाल नहीं है. पहले महागठबंधन को विधानसभा चुनाव में विजय दिलाना है. राजेश राठौर ने बताया कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा और कितने उप मुख्यमंत्री होंगे, यह भविष्य में तय होगा. कांग्रेस प्रवक्ता ने मांझी के बयान से भी आगे जाते हुए कहा कि यदि सरकार बनती है तो 2 उपमुख्यमंत्री के बदले इससे अधिक उपमुख्यमंत्री भी हो सकते हैं. कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी 4 डिप्टी सीएम हैं. लेकिन यह शीर्ष नेतृत्व ही तय करता है कि कौन सीएम बनेगा और कितना पोस्ट उपमुख्यमंत्री का होगा.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर मांझी ने तेजस्वी से की थी मांग
गौरतलब है कि इससे पहले मांझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. मांझी ने कहा था कि यदि महागठबंधन की सरकार बनती है, तो उनकी एक सीएम और दो डिप्टी सीएम वाली बात माननी होगी. इसमें तीन समुदाय को जगह दी जायेगी. पिछड़ा/अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक के लोग इसमें शामिल होंगे. खास बात यह है कि महिला की भी भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी. मांझी ने कहा कि इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से बात करेंगे. मांझी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि हमारी बात नहीं मानी गई तो सरकार को नहीं मानेंगे. साथ ही उस सरकार में शामिल नहीं होंगे.
तेजस्वी को अनुभवहीन बता चुके हैं मांझी
तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का प्रण कर चुके मांझी तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर भी समय-समय पर सवाल खड़ा करते रहे हैं. इससे पहले मांझी तेजस्वी को अनुभवहीन भी करार दे चुके हैं. जिसपर राजद समेत अन्य दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. जहां, आरजेडी ने मांझी को अभिभावक बताया और तेजस्वी को राह दिखाने वाला बताया. वहीं, कांग्रेस ने मांझी के बयान पर कहा कि महागठबंधन एकजुट है. किसी तरह का कोई भी दिक्कत नहीं है.
मांझी के बयान पर महागठबंधन में ऊहापोह की स्थिति उपचुनाव में महागठबंधन की अग्निपरीक्षा
जबकि आरएलएसपी नेता वृषण पटेल ने कहा कि बार-बार इस तरह का बयान मीडिया में देना महागठबंधन को कमजोर करने जैसा है. अगर किसी को कोई परेशानी है, तो आपस में मिलजुल कर बात कर लें. गौरतलब कि बिहार में 5 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव में महागठबंधन की एकता के साथ-साथ बेहतर प्रदर्शन करने का दबाब है. लोकसभा में खराब प्रदर्शन को भूलकर महागठबंधन का जनाधार बढ़ाने का जिम्मा भी है.