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Opposition Unity Meeting: विपक्षी दलों की बैठक में कॉमन सिविल कोड पर भी होगी चर्चा, वजह जानिये - विपक्षी दलों की बैठक 23 जून को

बिहार में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है. बैठक को लेकर नीतीश कुमार कई दिनों से रोड मैप तैयार कर रहे हैं. पार्टी के नेता कहते रहे हैं कई मुद्दों पर चर्चा होगी. अब एक नया मुद्दा कॉमन सिविल कोड का भी आ गया है. जदयू नेताओं के अनुसार बीजेपी 2024 चुनाव में इसे मुद्दा बनाने वाली है. पढ़ें, पूरी खबर.

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Published : Jun 19, 2023, 9:05 PM IST

विपक्षी दलों की बैठक में किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा.

पटना:विपक्षी दलों की बैठक में 23 जून को बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के साथ मजबूत गठबंधन विपक्षी दलों की बने इस पर सहमति बनाने की कोशिश होगी. नीतीश कुमार शुरू से कहते रहे हैं कि देश में अधिकांश लोकसभा सीटों पर यदि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार उतारा गया तो बीजेपी को आसानी से सत्ता से बाहर किया जा सकता है. 23 जून की बैठक में इस पर गंभीरता से चर्चा होगी. इसके अलावा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और नेतृत्व को लेकर भी चर्चा होगी.

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विपक्षी दलों की रणनीति पर चर्चाः राजनीतिक गलियारे में इन दिनों में कॉमन सिविल कोड की खूब चर्चा हो रही है. विधि आयोग ने आम लोगों और धार्मिक संगठनों से राय मांगी है. 14 जून को राय मांगी गई थी, जिसे 30 दिनों में देनी है. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि 2024 चुनाव में बीजेपी कॉमन सिविल कोड को लाकर एक बड़ा मुद्दा बना सकती है. 23 जून की बैठक में कॉमन सिविल कोड से निपटने के लिए विपक्षी दल क्या रणनीति अपनाएं इस पर भी चर्चा होगी.

इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा.

कॉमन सिविल कोड का विरोधः बिहार में महागठबंधन के नेता कॉमन सिविल कोड का विरोध कर रहे हैं. जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे तो उस समय भी अपनी सहमति इस पर नहीं दी थी. हां इतना जरूर कहते थे कि सबकी सहमति से ही कॉमन सिविल कोड को लागू किया जाए. 2017 में राष्ट्रीय विधि आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ बीएस चौहान को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते नीतीश कुमार ने पत्र भी लिखा था. इसमें सबकी सहमति बनाने की बात कही थी. उसके बाद ही लागू करने के लिए कहा था.

वोटों के ध्रुवीकरण का प्रयासः अब जदयू के नेता सीधे इसका विरोध कर रहे हैं और बीजेपी पर वोटों के ध्रुवीकरण का प्रयास करने का आरोप लगा रहे हैं. जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि बिहार में जिस प्रकार से महागठबंधन बीजेपी के धार्मिक उन्माद के खिलाफ तैयार किया गया है. कोशिश यही है कि विपक्षी एकजुटता की 23 जून की होने वाली बैठक में पूरे देश में एक गठबंधन तैयार हो. वहीं बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर का कहना है कि नीतीश कुमार इंपॉसिबल मिशन पर काम कर रहे हैं. विपक्षी दलों के बीच एकजुटता हो ही नहीं सकती है. सबकी अपनी महत्वाकांक्षा है.

"एजेंडा में कई मुद्दे हैं जिसमें जिन राज्यों में कांग्रेस का विपक्षी दलों के साथ सीधा मुकाबला होता है उन राज्यों में कैसे सहमति बनाई जाए. जैसे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का कांग्रेस के साथ मुकाबला होता है तो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का कांग्रेस के साथ. हम लोग इन्हीं सब मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे"- विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री

तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा: 23 जून को होने वाली बैठक में 17 से 18 विपक्षी दल शामिल होंगे. तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बैठक में ऐसे तो कई एजेंडे पर चर्चा होनी तय है और मुख्य रूप से बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार हो कोशिश यही होगी. लेकिन चर्चा में कॉमन सिविल कोड भी बड़ा मुद्दा बनेगा. कॉमन सिविल कोड के लागू होने से देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से विवाह तालाक, विरासत, उत्तराधिकारी जैसे कानून लागू होंगे. विपक्षी दल अल्पसंख्यकों के विरोध के कारण उनके साथ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

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