पटना: पिछले साल बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी थी, उसके बाद से महागठबंधन के अंदर कई मुद्दों पर विरोधाभास देखने को मिलता रहा है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसलों पर महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी, दूसरे सहयोगी कांग्रेस और वामपंथी दल भी अपनी नाराजगी जताते रहे हैं. जीतन राम मांझी तो महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल हो चुके हैं. हाल में 5 बड़े कारण हैं जो एक तरफ नीतीश कुमार के विपक्षी एकजुटता की कोशिश का बिहार में महागठबंधन के घटक दल ही हवा निकाल रहे हैं.
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महागठबंधन में बड़ा फैक्टर है 'नाराजगी': मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस की मांग के बावजूद मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर पा रहे हैं. कांग्रेस खेमे में इसको लेकर नाराजगी है, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने जब इस्तीफा दिया था, तब तत्काल नीतीश कुमार ने जदयू के रत्नेश सदा को उनके स्थान पर मंत्री बना दिया था. लंबे समय से मंत्रिमंडल में कांग्रेस और आरजेडी कोटे से मंत्री बनाए जाने की चर्चा हुई थी. लेकिन बनाया नहीं गया. उस समय यह कहा गया कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. लेकिन विपक्षी दलों की पटना के बाद बेंगलुरु में भी बैठक हो गई, कांग्रेस के मंसूबे अभी तक पूरे नहीं हुये हैं.
बिहार मंत्रिमंडल विस्तार न होने से कांग्रेस नाराज: कांग्रेस की ओर से 2 मंत्री पद मांगा जा रहा है. इसी पर सहमति नहीं बन पा रही है. तेजस्वी यादव एक मंत्री पद देने के लिए तैयार हैं और इसके कारण नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन कांग्रेसियों की नाराजगी नीतीश कुमार से ही है, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी कहते रहे हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार नीतीश कुमार का क्षेत्राधिकार है, इसलिए फैसला उन्हीं को लेना है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद समीर सिंह का कहना है कि फैसला तो मुख्यमंत्री को ही करना है. जब तक मुख्यमंत्री फैसला नहीं लेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा.
आरजेडी की अपनी नाराजगी : वहीं अधिकारियों की मनमानी को लेकर आरजेडी खेमे से लगातार नीतीश कुमार पर आरोप लगते रहे हैं. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने इसी कारण इस्तीफा दिया था. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर भी इसी कारण से नाराज बैठे हैं. पिछले कई दिनों से शिक्षा विभाग भी नहीं जा रहे हैं. आरजेडी खेमे के कई मंत्री अधिकारियों को लेकर नाराजगी भले ही खुलकर नहीं बता रहे हैं, इसमें लालू प्रसाद यादव के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप यादव का भी नाम है. आरजेडी विधायक विजय मंडल का कहना है कि आपके माध्यम से मुख्यमंत्री से कहेंगे कि अधिकारियों पर अंकुश लगाएं. संविधान में जो अधिकार मंत्रियों को दिया गया है उसे करने दिया जाए.